हमें ज़िन्दगी कैसे गुज़ारनी है यह नमाज़ के दो जुम्लों से तय होती है।

हमें ज़िन्दगी कैसे गुज़ारनी है यह  नमाज़ के दो जुम्लों  से तय होती है। पहला ग़ैरिल मग़ज़ूबि अलैहिम वलज़्ज़ालीन (न उनका जिनपर ग़ज़ब (प्...

ईद के चाँद पे क्यूँ होता है बवाल ?

बुशरा अलवी चाँद का देखा जाना इस्लामी फ़िक़्ह का बहुत ही अहम मसअला है जिसके बारे में हमारे मराजे और विद्वानों ने बहुत सी किताबें लि...

बुढ़ापा माँ बाप का नौजवानों के लिए अल्लाह की तरफ से इम्तेहान है |

वृद्धावस्था भी मनुष्य के जीवन की परिपूर्णता का एक चरण है और इसमें एवं जवानी में अंतर यह है कि बाल्यकाल और जवानी इंसान के अंदर ऊर्जा स...

एक मुसलमान दुसरे मुसलमान का अगर हक ना अदा करे तो विलायत से बहार |इमाम सादिक़ (अ)

शियों की प्रसिद्ध किताब अलकाफ़ी में एक रिवायत है जो एक समाज में मुसलमानों को दूसरे मुसलमान से किस प्रकार पेश आना चाहिये इसमें बताया...

ज़ाकिर नायक पर मौलाना कल्बे जवाद साहब का बयान

ज़ाकिर नायक पर  मौलाना कल्बे जवाद साहब का बयान   आज मौलाना कल्बे जवाद साहब ने आतंकवाद के खिलाफ बोलते हुए कहा के दुनिया में जहाँ जहा...

विशव कुद्वस दिवस और जुम्मातुल विदा ..कल्ब ए जव्वाद

विश्व कुद्स दिवस के अवसर पर किबला ए अव्वल को दुबारा पाने के लिये और फिलिसतिनियों के समर्थन में इजरायली आतंकवाद के खिलाफ आसफि मस्जिद ...

शिया ,सुन्नी एकता आज की पहली ज़रुरत -मौलाना कल्बे जवाद

शिया ,सुन्नी एकता समय की एहम ज़रूरत:मौलाना कल्बे जवाद  मार्फतए इमामए ज़माना अ0स0 मुसलमानों के मतभेद के अंत का एकमात्र समाधान है मजलिसए ओलम...

इस्लामी मानवाधिकार का घोषणापत्र

मानवाधिकार उन अधिकारों में से है जो मानवीय प्रवृत्ति का अनिवार्य अंश है। मानवाधिकार का स्थान, सरकारों की सत्ता से ऊपर होता है और विश्व की...

कठिनाइयों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है यह मजलिसें ,नमाज़ और हज |

हममें से हर व्यक्ति नाना प्रकार की समस्याओं में गस्त है। दूसरे शब्दों में हममें से कोई भी एसा नहीं है जो किसी न किसी समस्या में गिरफ्ता...

इस्लामी संस्कृति व इतिहास

इस्लामी संस्कृति व सभ्यता ,  मानव इतिहास की सबसे समृद्ध सभ्यताओं   में से एक है। यद्यपि इस संस्कृति में ,  जो इस्लाम के उदय के साथ अस्ति...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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