DUAON KA TARJUMA PADHEIN

Imam Mahdi (atfs): Parwardigaar! Tujh ko Tujh se sargoshi karne waalo’n ka waasta, khushki aur samandar mein rehne waalo’n ke h...

नमाज़े आयात पढ़ने का तरीक़ा | विडियो

मसला अयातुल्लाह सीस्तानी 1516। नमाज़े आयात की दो रकअतें हैं और हर रकअत में पाँच रुकूअ हैं। इस के पढ़ने का तरीक़ा यह है कि नियत ...

समस्याओं से छुटकारे के लिए इमाम ज़माना (अ) से रिवायत, आज़माई हुई दुआ

समस्याओं से छुटकारे के लिए इमाम ज़माना (अ) से रिवायत, आज़माई  हुई दुआ अनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी किताब अलकरेमुल तय्यब म...

बुखार से बचने की दुआ|

हज़रत फ़ातेमा (स) से रिवायत बुखार से बचने की दुआ (एक विस्तिरित हदीस में हज़रत सलमान फ़ारसी से इस प्रकार रिवायत हुई है) हज़रत फ...

औलाद चाहते हो तो यह कुरान की ये दुआएं पढ़ें |

दुआ # 1 – सुरः बक़रा (2/117) – आयात # 117. 2.117: (वही) आसमान व ज़मीन का मोजिद है और जब किसी काम का करना ठान लेता है तो उसकी नि...

नमाज़े मैयित पढने का मुकम्मल तरीका और मसाएल |

615. नमाज़े मैयित में पाँच तकबीरें हैं, अगर नमाज़ पढ़ने वाला निम्न लिखित तरतीब से पाँच तकबीरें कहे तो काफ़ी है। नियत करने के ब...

नमाज़ वहशत ऐ कब्र कैसे पढ़ें ?

मुनासिब है कि मैयित के दफ़्न के बाद पहली रात में उसके लिए दो रकत नमाज़े वहशते क़ब्र पढ़ी जाये और उसके पढ़ने का तरीक़ा यह है कि  ...

नमाज़े शब पढ़ने का तरीक़ा

नमाज़े शब  पढ़ने का तरीक़ा नमाज़े शब जिसको नमाज़े तहज्जुद भी कहा जाता है एक मुस्तहब्बी नमाज़ है लेकिन इस नमाज़ के लिए इस्लाम मे...

हज़रत फ़ातेमा (स) से रिवायत बुखार से बचने की दुआ

हज़रत फ़ातेमा (स) से रिवायत बुखार से बचने की दुआ (एक विस्तिरित हदीस में हज़रत सलमान फ़ारसी से इस प्रकार रिवायत हुई है) हज़रत...

बेटा चाहिए तो नीयत करें की उसका नाम मुहम्मद रखेंगे |

बेटा होने के बारे में अहलेबैत की हदीसों में कई बातें बताई गई हैं और कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति चाहता है कि उसके यहां होने वाली ...

दुआ ऐ कुमैल हिंदी तर्जुमा |

दुआए कुमैल हिन्दी अनुवाद के साथ اللهم إنِّي أَسْأَلُكَ بِرَحْمَتِكَ الَّتي وَسِعَتْ كُلَّ شَيْء، وَ بِقُوَّتِكَ الَّتي قَهَرْت...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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