सूरए मोमिनून, आयतें 38-46: शीघ्र ही झूठे (अपने किए पर) पछतावा करेंगे |
सूरए मोमिनून, आयतें 38-46: शीघ्र ही झूठे (अपने किए पर) पछतावा करेंगे | सूरए मोमिनून की 38वीं, 39वीं और 40वीं आयत إِنْ هُوَ إِلَّا رَجُلٌ ...
सूरए मोमिनून, आयतें 38-46: शीघ्र ही झूठे (अपने किए पर) पछतावा करेंगे | सूरए मोमिनून की 38वीं, 39वीं और 40वीं आयत إِنْ هُوَ إِلَّا رَجُلٌ ...
मनुष्य के जीवन को केवल सांसारिक जीवन तक सीमित करना, उसे पशुओं के स्तर पर नीचे ले आने के समान है सूरए मोमिनून, आयतें 31-37 फिर उनके पश्चात ...
तफ़सीरे सूरऐ हम्द-लेखकः आयतुल्लाह नासिर मकारिम शीराज़ी बिस्मिल्लाह हिर्रेहमान निर्रहीम सूरऐ हम्द मक्की सूरत है और इस मे 7 आयात है सूरऐ ह...
क्यों और कबसे मुसलमान बैतुल मुक़द्दस के स्थान पर काबे की ओर मुंह करके नमाज़ पढ़ने लगे। मुसलमान प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ते हैं। दुन...
इंसानो की पहचान आसान है मुश्किल नहीं | इंसान एक सामाजिक प्राणी है और समाज के लोगों से मिलना जुलना उसकी आदत भी है बहुत बार मज़बूरी भी...
सूरए क़सस की आयत 4 का अनुवाद: निश्चतय ही फ़िरऔन ने (मिस्र की) धरती में उद्दंडता की और वहां के लोगों को विभिन्न गुटों में बांट दिया। उन...
क़ुर्आन और मासूमीन अ.स. की हदीसों में वालेदैन के साथ नेक बर्ताव और अच्छे अख़लाक़ से पेश आने पर बहुत ज़ोर दिया गया है, अल्लाह ने कई जग...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...