क्यों और कबसे मुसलमान बैतुल मुक़द्दस के स्थान पर काबे की ओर मुंह करके नमाज़ पढ़ने लगे।
क्यों और कबसे मुसलमान बैतुल मुक़द्दस के स्थान पर काबे की ओर मुंह करके नमाज़ पढ़ने लगे। मुसलमान प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ते हैं। दुन...

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क्यों और कबसे मुसलमान बैतुल मुक़द्दस के स्थान पर काबे की ओर मुंह करके नमाज़ पढ़ने लगे। मुसलमान प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ते हैं। दुन...
इंसानो की पहचान आसान है मुश्किल नहीं | इंसान एक सामाजिक प्राणी है और समाज के लोगों से मिलना जुलना उसकी आदत भी है बहुत बार मज़बूरी भी...
सूरए क़सस की आयत 4 का अनुवाद: निश्चतय ही फ़िरऔन ने (मिस्र की) धरती में उद्दंडता की और वहां के लोगों को विभिन्न गुटों में बांट दिया। उन...
क़ुर्आन और मासूमीन अ.स. की हदीसों में वालेदैन के साथ नेक बर्ताव और अच्छे अख़लाक़ से पेश आने पर बहुत ज़ोर दिया गया है, अल्लाह ने कई जग...
सूरए बक़रह की ८९ नवासीवीं आयत इस प्रकार है। और जब ईश्वर की ओर से उनके लिए क़ुरआन नामक किताब आई (जो उन निशानियों के अनुकूल थी जो उनके पा...
और महिलाओं का मेहर उन्हें उपहार स्वरूप और इच्छा से दो यदि उन्होंने अपनी इच्छा से उसमें से कोई चीज़ तुम्हें दे दी तो उसे तुम आनंद से ख...
सूरए बक़रह की आयत नंबर २२८ इस प्रकार है। और तलाक़ पाने वाली स्त्रियां तीन बार मासिक धर्म आने तक स्वयं को प्रतीक्षा मे रखें और यदि वे ई...
सूरए नूर, आयतें 30-31, (हे पैग़म्बर!) ईमान वाले पुरुषों से कह दीजिए कि अपनी निगाहें (हराम चीज़ों से) ब चाकर रखें और अपनी पवित...
सूरए निसा; आयतें 24-25 और विवाहित महिलाएं भी तुम पर हराम हैं सिवाए उनके जो दासी के रूप में तुम्हारे स्वामित्व में हों। ये ईश्व...
सूरए मोमिनून, आयतें 25-30 (विरोधियों ने कहाः) यह तो बस एक उन्माद ग्रस्त व्यक्ति है। तो कुछ समय तक इसकी प्रतीक्षा कर लो (कि यह ...
सूरए मोमिनून, आयतें 19-24, सूरए मोमिनून की 19वीं और 20वीं आयत फिर हमने उस (पानी) के द्वारा तुम्हारे लिए खजूरों और अंगूरों के...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom
A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.
भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |
हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने
जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर
आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी