इमाम हुसैन अलैहिसलाम की शहादत के बाद भी क्यों हक़ का साथ लोग नहीं देते ?
कर्बला से हमने क्या सीखा ? क्या लोगों का किरदार इमाम हुसैन अलैहिसलाम के शहादत के बाद सुधरा ? ...एस एम् मासूम | असत्य पे सत्य की जीत की ...

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कर्बला से हमने क्या सीखा ? क्या लोगों का किरदार इमाम हुसैन अलैहिसलाम के शहादत के बाद सुधरा ? ...एस एम् मासूम | असत्य पे सत्य की जीत की ...
इमाम हुसैन (अ) की हिजरत: वलीद ने इमाम हुसैन (अ) को संदेसा भेजा कि वह दरबार में आयें उनके लिए यज़ीद का एक ज़रूरी पैग़ाम है। इमाम ह...
इस बात का ज़िक्र मुहर्रम में हर दिन होता है की कैसे मदीने से चला काफिला कर्बला में लुट के कैसे मदीने वापस पहुंचा ? आखिर अपने वतन मद...
यज़ीद के दरबार में हज़रत ज़ैनब का ऐतिहासिक ख़ुत्बा यज़ीद के दरबार में जब हज़रत ज़ैनब (स) की निगाह अपने भाई हुसैन के ख़ून से रंग...
अज़ादारी के तरीकों आती जा रही तब्दीलियाँ और इस पे होने वाले एतराजात इस बात की तरफ इशारा करते हैं की शिया कौम को एक साथ जोड़ने वाले यह ...
करबला की नींव उसी समय पड़ गई थी कि जब शैतान ने आदम से पहली बार ईर्ष्या का आभास किया था और यह प्रतिज्ञा की थी कि वह ईश्वर के बंदों...
काबे की छत पर हज़रत अब्बास का ख़ुत्बा अनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी एक रिवायत में आया है कि हज़रत अब्बास (अ) ने मक्का शहर...
मंज़िल ब मंज़िल हुसैनी क़ाफ़िले के साथ अनुवादकः सैय्यद ताजदारु हुसैन ज़ैदी अल्लाह के दीन की सुरक्षा और अपने नाना पैग़म्बरे इ...
कर्बला के बहत्तर शहीद और उनकी संक्षिप्त जीवनी शोहदा ए बनी हाशिम 1. हज़रत अब्दुल्लाह – जनाबे मुस्लिम के बेटे और जनाबे अबू...
जब असीरों का क़ाफ़ेला दरबारे इब्ने ज़ेयाद में पहुंचा तो इब्ने ज़ेयाद ने पूछा के वह औरत कौन है जो अपनी कनीज़ों के हमराह एक गोशे में बै...
यह इस्लामी महीना अपने साथ जो यादें लेकर आता है यदि उनको समझा जाए तो मुहर्रम की विशेष मजलिसों अर्थात सभाओं व जुलूसों आदि का कारण समझ में आ ज...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom
A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.
भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |
हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने
जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर
आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी