बरज़ख़ का सवाब ओं अज़ाब क़ुरआन में|
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बरज़ख़ का सवाब ओ अज़ाब क़ुरआन में (1). अन्नारो यारेजूना अलैहा--------- इल्ला आख़िर सूराः- 40, आयतः- 49, यानी वो सुब्ह शाम ...
बरज़ख़ का सवाब ओ अज़ाब क़ुरआन में (1). अन्नारो यारेजूना अलैहा--------- इल्ला आख़िर सूराः- 40, आयतः- 49, यानी वो सुब्ह शाम ...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...