एक जंग हुई थी कर्बला में - राही मासूम रजा
https://www.qummi.com/2011/03/blog-post_26.html
जैनब की आँखों में रास्ते की धूल थी, उसने अंगुलियों से आँखें मलीं ... हां, सामने मदीना ही था। नाना मुहम्मद का मदीना। जैनब की आँखें भर आयी...
जैनब की आँखों में रास्ते की धूल थी, उसने अंगुलियों से आँखें मलीं ... हां, सामने मदीना ही था। नाना मुहम्मद का मदीना। जैनब की आँखें भर आयी...
नौ लाख का रेला, अम्मा मैं अकेला... इस साल (1431 ए.एच.) 2011 मुहर्रम के लिए अब तक जारी हुए नौहों में पहले नंबर पर है। शायर मजहर आब्दी के कल...
मोहम्मद इस्लाम इब्ने शेख बहादुर अली , मोहल्ला बाज़ार भुआ जौनपुर के रहने वाले थे.वोह कुश्ती मैं बहुत माहिर थे और अक्सर इनामात वगैरह भी...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...