इमाम मुसा अल-काज़िम अलैहिसलाम की नमाज़
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यह दो रक् ' अत नमाज़ है जिसकी हर रक् ' अत में एक मर्तबा सुराः हम्द और बारह ( 12) मर्तबा सुरह तौहीद पढ़ें - नमाज़ के बाद हज़र...
यह दो रक् ' अत नमाज़ है जिसकी हर रक् ' अत में एक मर्तबा सुराः हम्द और बारह ( 12) मर्तबा सुरह तौहीद पढ़ें - नमाज़ के बाद हज़र...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...