हज़रते ज़हरा का मर्सिया पैग़म्बर की शहादत के बाद|
https://www.qummi.com/2017/08/blog-post_80.html
पैग़म्बर की शहादत के बाद तीन दिन तक उनका जनाज़ा रखा रहा और मुसलमान सक़ीफ़ा नबी साएदा में अबूबक्र की ख़िलाफ़त में व्यस्त रहे, और यह ...
पैग़म्बर की शहादत के बाद तीन दिन तक उनका जनाज़ा रखा रहा और मुसलमान सक़ीफ़ा नबी साएदा में अबूबक्र की ख़िलाफ़त में व्यस्त रहे, और यह ...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...