सबसे पहले हज़रत मूसा (अ) ने नमाज़ पढ़ी
नमाज़ के महत्व के बारे मे केवल यही काफ़ी है कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने मिस्र मे अपने प्रतिनिधि मुहम्मद इब्ने अबी बकर के लिए लिखा कि...

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नमाज़ के महत्व के बारे मे केवल यही काफ़ी है कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने मिस्र मे अपने प्रतिनिधि मुहम्मद इब्ने अबी बकर के लिए लिखा कि...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom
A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.
भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |
हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने
जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर
आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी