कभी भी किसी गरीब अपमान न करें और उससे उसकी खुद्दारी और इज़्ज़त को ना छीने | हज़रत अली अ .स)

हज़रत अली (अ.स.) ने कहा: गरीबी और कठिनाई सबसे बड़ी मौत है। कभी भी किसी गरीब अपमान न करें और उससे उसकी खुद्दारी और इज़्ज़त को मत छीन ...

सच्चे दोस्त की पहचान मौला अली ने बताया |

किसी ने मुसलमानो के खलीफा हज़रत अली (अ.स ) से पूछा की कोई शख्स उसका सच्चा दोस्त है या नहीं यह कैसे पता किया जाय तो हज़रत अली ने फ़रमा...

इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ .स ) ने कहा चार लोगों के साथ कभी नहीं रहना |

इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ .स ) ने कहा चार लोगों के साथ कभी नहीं रहना |  एक बार इमाम ज़ैनुल आबेदीन  (अ .स )  ने अपने बेटे इमाम मुहम्मद बाक़...

वक़्त को चार हिस्सों में तकसीम करो | इमाम अली रज़ा (अ.स

इमाम अली रज़ा (अ.स ) ने फरमाया की तुम अपने वक़्त को चार हिस्सों में तकसीम करो| १. किसी ने तुम्हे पैदा किया है कोई तुम्हारा हाकिम है...

दुनिया की कठिनाई और परेशानियां आख़ेरत की मिठास हैं

एक दिन हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम अपनी थकान उतारने के लिए लेटे तो आपने एक पत्थर अपने सर के नीचे रख लिया और आराम करने लगे। इतने में उधर स...

मुसलमान ने मुसलमान का हक नहीं दिया तो विलायत के बहार | इमाम जाफ़र ऐ सादिक (अ.स)

मोअल्लाह बिन ख़ुनैस इमाम सादिक़ (अ) से रिवायत करते हैं कि मैं ने इमाम से पूछा कि एक मुसलमान का दूसरे मुसलमान पर क्या हक़ है? आपने फ...

बच्चों को नमाज़ सिखाना माँ बाप की ज़िम्मेदारी है |

रिवायत मे बयान किया गया है कि बच्चों को नमाज़ सिखाना  माँ बाप की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। माता पिता को चाहिए कि जब बच्चा तीन साल का...

मैं तो भलाई करता हूँ लेकिन वह मुझसे हसद करते हैं|

एक दिन प्रसिद्ध कवी और हदीस लिखने वाला मोहम्म बिन शहाब ज़ोहर ग़मगीन शक्ल लिए हुए इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) के पास आया। आपने ज़ोहरी से...

मोमिन भाई के लिए दुआ करने का सवाब |

इब्राहीम बिन हाशिम कहते हैं मैंने अरफ़ात में अब्दुल्लाह बिन जुनदब से अधिक दुआ मांगने वाला कोई व्यक्ति नहीं देखा। मैंने देखा कि हर ...

इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने बूढ़े के हाथ में लाठी थमाई |

ज़करिया आवर बयान करते हैं कि मैंने देखा कि इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम नाफ़िला पढ़ रहे थे और उनके पास में एक बूढ़ा व्यक्ति बैठा ह...

अत्याचारी राजा के पास काम से मत जाओ वरना पछताओगे |

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का बयान है कि हज़रत मूसा के ज़माने में एक अत्याचारी शासक का राज था, इत्तेफ़ाक़ से एक दिन एक मोमिन व्यक...

और चीख उठा शैतान |

इस्हाक़ बिन अम्मार कहते हैं कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने मुझ से फ़रमायाः हे इस्हाक़ मेरे दोस्तों के साथ जितनी नेकी और भलाई कर ...

या अली (अ) आप के आदेश का पालन हम पर वाजिब है

बिहारुल अनवार में रिवायत हैं! कि एक बार हज़रत अली (अ) घर में आए। और जनाबे ज़हरा (स) से फ़रमाया। कुछ खाने को हैं? बीबी ने फ़रमाया।...

कभी ऐसा भी पुल बनाओ |

एक मेहनती और दयालू बाप जिसके दो बेटे थे। बाप दुनिया से चल बसा और बेटों के लिये विरासत में एक बाग़ छोड़ गया। कई वर्षों तक दोनों भाई ह...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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