google.com, pub-0489533441443871, DIRECT, f08c47fec0942fa0 और चीख उठा शैतान | | हक और बातिल

और चीख उठा शैतान |

इस्हाक़ बिन अम्मार कहते हैं कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने मुझ से फ़रमायाः हे इस्हाक़ मेरे दोस्तों के साथ जितनी नेकी और भलाई कर ...



 https://www.youtube.com/user/payameamnइस्हाक़ बिन अम्मार कहते हैं कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने मुझ से फ़रमायाः हे इस्हाक़ मेरे दोस्तों के साथ जितनी नेकी और भलाई कर सकते हो करो क्योंकि जब कोई मोमिन दूसरे मोमिन पर एहसान और नेकी करता है तो यह ऐसा ही है कि वह इबलीस के चेहरे को नोचता है और उसके दिन को घायल करता है।

उसूले काफ़ी जिल्द 3 पेज 295 इबलीस नामा से लिया गया पेज 86




इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने अबदुल्लाह बिन जुनदब से अपनी नसीहतों में फ़रमायाः आदमी को फंसाने के लिए शैतान के पास जाल और रस्सियाँ हैं इसलिए तुम अपने आप को उससे बचाओ।

जुनदब ने कहाः हे रसूल के बेटे शैतान के वह जाल क्या हैं?

इमाम ने फ़रमायाः एक तो यही है कि वह मोमिन भाई पर एहसान और नेकी करने से रोकता है और उसकी रस्सियाँ नींद आदि हैं यानि आदमी सो जाए ताकि वाजिब नमाज़ आदि न पढ़ सके।

तोहफ़ुल उक़ूल, बिहारुल अनवार जिल्द 75 पेज 280 इबलीस नामा से लिया गया पेज 86



वह महत्व पूर्ण चीज़ें और कार्य जो शैतान को चिल्लाने और उसकी पीड़ा का कारण बनते हैं उनमें से एक सजदा करना है।

यही कारण है कि इमाम सादिक़ अहैलिस्सलाम फ़रमाते हैं: अपनी रोज़ाना की नमाज़ों में रुकूअ और सजदे को लम्बा करो (यनी देर तक रुकूअ और सजदे में रहो) क्योंकि इसी हालत में शैतान उसके पीछे से चिल्लाता है और कहता हैः

लानत है मुझपर यह व्यक्ति इबादत करता है और मैंने ख़ुदा के आदेशों की अवहेलना की, यह सजदा करता है और मैंने इन्कार किया और सरकशी की (मुझे आदम (अ) को सजदा करने का आदेश दिया गया और मैंने नहीं किया)

बिहारुल अनवार जिल्द 60 पेज 221 इब्लीस नामा से लिया गया पेज 81

शेख़ मुर्तज़ा अंसारी और शैतान

शेख़ मुर्तज़ा अंसारी का एक शागिर्द कहता हैः जिस समय नजफ़ में मैं शेख़ से शिक्षा प्राप्त कर रहा था उसी ज़माने में एक दिन रात को मैंने शैतान को सपने में देखा जिसके हाथ में रंगबिरंगी रस्सियां थी, मैंने शैतान से पूछा यह कैसी रस्सियां हैं उसने उत्तर
दिया कि मैं इन रस्सियों को लोगों के गले में डालकर खींचता हूँ और अपने जाल में फंसा लेता हूँ।

कल ही मैंने इन्हीं मज़बूत रस्सियों में से एक से शेख़ मुर्तज़ा अंसारी की गर्दन पकड़ी थी और उन्हे कमरे से निकालकर गली के बीच तक लाया था लेकिन मेरी मेहनत बर्बाद हो गई शेख़ ने अपने आप को छुड़ा लिया और वापस आ गए।

वह कहता है कि जागने के बाद इस सपने की ताबीर के बारे में सोचने में पड़ गया, मुझे ख़्याल आया कि क्यों न इस सपने की ताबीर को ख़ुद शेख़ से पूछा जाए, तो मैं उनके पास गया और सपने के बारे में उनको बताया।

आपने कहाः शैतान ने बिलकुल ठीक कहा उस मलऊन ने मुझे धोखा देना चाहा लेकिन ख़ुदा के रहम और उसकी कृपा से मैं उसके जाल में फंसने से बच गया।

बात यह है कि कम मेरे पास पैसे बिलकुल भी नहीं थे और घर में एक आवश्यकता पेश आ गई थी मैंने सोंचा कि मेरे पास सहमे इमाम का कुछ पैसा पड़ा है अभी उनके ख़र्च का समय भी नहीं आया है मै उसमे क़र्ज़ ले लेता हूँ और बाद में अदा कर दूँगा यह सोंचकर मैंने उसमें से पैसे लिए और घर से बाहर निकला, जैसे ही चाहा कि वह चीज़ जिसकी मुझे आवश्यकता थी ख़रीदूँ, अचानक मेरे दिल में यह ख़्याल आया कैसे पता कि मैं यह क़र्ज़ अदा कर पाऊँगा इसी सोंच में था कि मैंने वह चीज़ न ख़रीदने का पक्का इरादा कर लिया और घर लौट आया और उन पैसों को उनके स्थान पर वापस रख दिया
सीमाए फ़र्ज़ानेगान जिल्द 3 पेज 430  इब्लीस नामा से लिया गया पेज 71

हज़रत अली (अ) ने फ़रमायाः

اتق اللہ فی نفسک و نازع الشیطان قیادک و اصرف الی الاخرۃ وجھک وجعل للہ جدک

अपने नफ़्स के बारे में अल्लाह से डरो और उसी रस्सी को अपनी तरफ़ ख़ींच लो जिससे शैतान तुमको अपनी तरफ़ ख़ींच रहा है, अपना चेहरा आख़ेरत की तरफ़ और अपनी सारी कोशिशों को केवल अल्लाह के लिए लगाओ
गुररुल हेकम जिल्द 2 पेज 211 इब्लीस नामा से लिया गया पेज 71





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