नमाज़ की अहमियत और क़ुरआन

नमाज़ का बाक़ी रहना क़ुरआन का बाक़ी रहना है। क्योंकि हर नमाज़ी मजबूर है कि हर रोज़ अपनी सत्रह रकत नमाज़ों मे दस मर्तबा सूरए हम्द पढ़े और...

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