ज़ियारते नाहिया -नौहा इमाम ऐ ज़माना (अ.स)
सलाम हो ख़लक़े ख़ुदा में चुने रोज़गार नबी आदम (अ:स) पर सलाम हो अल्लाह के वली और इस के नेक बन्दे शीस (अ:स) पर सलाम हो ख़ुदा के दलीलो...

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सलाम हो ख़लक़े ख़ुदा में चुने रोज़गार नबी आदम (अ:स) पर सलाम हो अल्लाह के वली और इस के नेक बन्दे शीस (अ:स) पर सलाम हो ख़ुदा के दलीलो...
यज़ीद के सामने धार्मिक शक्तियाँ कमज़ोर पड़ चुकी थीं। वे उससे मुक़ाबला नहीं कर सकती थीं लेकिन फिर भी उसके ज़ुल्म को ज़ुल्म कहने से वे न रूके। हज़...
मुसलमान बड़ा शोर मचाता है कि वो कुरान को मानता है शरीयत ऐ मुहम्मद में यकीन रखता है फिर ना जाने क्यूँ इधर उधर अपना अलग अलग इमाम तलाशता फ...
हिन्दुस्तान साप्रदायिक सौहाद्र और भाईचारे की हमेशा से एक मिसाल रहा है जिसे सत्ता की लालच में बिगाड़ने की कोशिशें भी होती रही हैं |कभी पकिस...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom
A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.
भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |
हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने
जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर
आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी