सृष्टि, ईश्वरीय प्रकाश का एक प्रतिबिंबन है सूरए नूर, आयतें 35-38,
https://www.qummi.com/2017/04/35-38.html
सूरए नूर, आयतें 35-38, ईश्वर, आकाशों और धरती का प्रकाश है। उसके प्रकाश की उपमा ऐसी है जैसे एक ताक़ है, जिसमें एक चिराग़ है, वह...
सूरए नूर, आयतें 35-38, ईश्वर, आकाशों और धरती का प्रकाश है। उसके प्रकाश की उपमा ऐसी है जैसे एक ताक़ है, जिसमें एक चिराग़ है, वह...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...