मैं बंदा खुदा का और अली का गुलाम हूँ |

मैं क़ाएल ऐ खुदा औ इमाम हूँ बंदा खुदा का और अली का गुलाम हूँ | हज़रत अली अस का मशहूर कथन है की मुसलमान तुम्हारा ध...

हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत और वसीयत |

हजरत अली अलैहिस्सलाम की वसीयत की कुछ अहम् बातें | 1. तक्वा अखियार करो और अल्लाह से डरते रहो | २. ज़िन्दगी में अनुशासन पे ध्या...

और अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली की शहादत के 1400 साल पूरे हो गए |

मुसलमानो के खलीफा हज़रत अली इब्ने अभी तालिब को मस्जिद ऐ कूफ़ा में सुबह की नमाज़ में एक ज़ालिम इब्ने मुल्जिम से उस वक़्त शहीद  किया जब हज़रत...

इमाम अली अलैहिस्सलाम की जवानों को वसीयतें

इस लेख की सनद नहजुल बलाग़ा का 31 वा पत्र है। सैयद रज़ी के कथन के अनुसार सिफ़्फ़ीन से वापसी पर हाज़रीन नाम की जगह पर आप ने यह पत्र अपने प...

1400 साल पहले हज़रत अली (अ) ने बता दिया था मोर और मोरनी के आंसुओं का राज़ |

चौथी सदी हिजरी में सैयद रज़ी नामक प्रसिद्ध धर्मगुरु ने हज़रत अली (अ) के  कथनों का संकलन प्रकाशित किया जिसे" नहजुलबलागा" क...

नहजुल बलाग़ा और अम्र बिल मारूफ और नही अनिलमुन्कर|

हम अम्र बिलमारूफ अर्थात अच्छाई का आदेश देना नमाज़, रोज़ा, हज, और जेहाद की भांति अम्र बिलमारूफ को भी धार्मिक आदेशों में समझा जात...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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