एक जंग हुई थी कर्बला में - राही मासूम रजा

जैनब की आँखों में रास्ते की धूल थी, उसने अंगुलियों से आँखें मलीं ... हां, सामने मदीना ही था। नाना मुहम्मद का मदीना। जैनब की आँखें भर आयी...

मुहर्रम / कर्बला / इमाम हुसैन (अ:स)

असहाबे हुसैनी करबला....अक़ीदा व अमल में तौहीद क़्शे इल्लल्लाह सहरा में लिख दिय ख़ुमैनी की द्रष्ट से फात करबला करामाते इंसानी की मे...

ख़ुत्बा और बानियाने मजलिस के नाम एक महत्वपूर्ण अनुरोध

ख़ुत्बा और बानियाने मजलिस के नाम एक महत्वपूर्ण अनुरोध यह वोह वक़्त है जब जनता सुनने के लिए तैयार होती है!   कर्बला का वाक़िया एक मोए...

Days of Muharram

यह इस्लामी महीना अपने साथ जो यादें लेकर आता है यदि उनको समझा जाए तो मुहर्रम की विशेष मजलिसों अर्थात सभाओं व जुलूसों आदि का कारण समझ में आ ज...

असहाबे हुसैनी

इमाम हुसैन अलैहिस सलाम ने फ़रमाया:  इमाम (अ) ने करबला जाने से पहले रास्ते में फ़रमाया था कि जो शख़्स हमारी राह में अपनी ख़ूने जीगर बहान...

करबला..... दरसे इंसानियत

करबला..... दरसे इंसानियत सैयद एजाज़ हुसैन मुसावी उफ़ुक़ पर मुहर्रम का चाँद नुमुदार होते ही दिल महज़ून व मग़मूम हो जाता है। ज़ेहनों मे...

इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम नें बयअत क्यों नहीं की

इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम नें बयअत क्यों नहीं की   हसनैन हायरी इस सवाल का जवाब देने से पहले चंद उमूर का तजज़िया करना लाज़िम और ज़रुरी है ...

रौज़ ए इमाम हुसैन (अ) की अज़मत सैयद हुसैन हैदर ज़ैदी

रौज़ ए इमाम हुसैन (अ) की अज़मत   सैयद हुसैन हैदर ज़ैदी इमाम हुसैन अलैहिस सलाम की हक़ीक़ी कब्र तो मोमिनीन के दिल और क़ुलूब में होती है जो...

ज़रीह का चूमना शिर्क है??

मालिकः  सादिक़, इमामों और पैग़म्बरों के रौज़ों का चुमना कैसा है १ सादिकः  क्यौं१ मालिकः  कहा जाता है. कि यह काम शिर्क है। सादिकः  कौन ऐ...

MUKHTAR - NAMA - Qaatilaan E Hussain

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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