तीन तलाक , खुला ,हलाला यह सब है केवल शब्दों का माया जाल |
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शरीयत के जानकार जानते हैं की तीन तलाक ,खुला या हलाला शब्द हों इनके कोई मायने नहीं हैं बल्कि यह शब्द किसी ख़ास समय में ख़ास तरीके को अपनाने...
शरीयत के जानकार जानते हैं की तीन तलाक ,खुला या हलाला शब्द हों इनके कोई मायने नहीं हैं बल्कि यह शब्द किसी ख़ास समय में ख़ास तरीके को अपनाने...
HUM 2 MAHINA 8 DIN GHUM MANANEY K BAAD JAB 9 RABILAWWAL AATA HAI JISKO HUM APNI ZUBAN ME EID-E-ZEHRA , EID-E-SHUJA KAHTE HAIN . ¨ ...
मेहर वो रक़म है जो किसी लड़की का होने वाला शौहर लड़की तो तोहफे के तौर पे दिया करता है लेकिन यह रक़म लड़की तय किया करती है | इस मेहर को न तो ...
अंजुम शेख द्वारा पेश की गयी यह चर्चा एक बार लोगों को सोंचने पे अवश्य मजबूर कर देगी | आप भी पढ़ें उनके ब्लॉग से साभार ली गयी यह चर्चा | ...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...