google.com, pub-0489533441443871, DIRECT, f08c47fec0942fa0 हक और बातिल: articles

इमाम हुसैन अलैहिसलाम की शहादत के बाद भी क्यों हक़ का साथ लोग नहीं देते ?

कर्बला से हमने क्या सीखा ? क्या लोगों का किरदार इमाम हुसैन अलैहिसलाम के शहादत के बाद सुधरा ? ...एस एम् मासूम | असत्य पे सत्य की जीत की ...

इमाम अली अलैहिस्सलाम की जवानों को वसीयतें

इस लेख की सनद नहजुल बलाग़ा का 31 वा पत्र है। सैयद रज़ी के कथन के अनुसार सिफ़्फ़ीन से वापसी पर हाज़रीन नाम की जगह पर आप ने यह पत्र अपने प...

ईरान में अमीर और ग़रीब के बीच फासले हो रहे हैं ख़त्म

ईरान में अमीर और ग़रीब के बीच फासले को लेकर पहले काफी कुछ पढ़ा था। ईरान पहुंचकर भी मेरी दिलचस्पी क़रीब साढ़े आठ करोड़ आबादी वाले इस म...

क़ुरआन सिर्फ पढ़ें नहीं समझें और अमल भी करें |

क़ुरआन-ए-करीम के मुताले से ज़ाहिर होता है कि तंगहाल, मुफ़लिसों,मिस्कीनों ,ग़रीबों यतीमों की माली मदद, दीगर मुस्लमानों पर इसी तरह फ़र्ज़ ह...

हमें धर्म के नाम पर उठने वाली हर आवाज़ के धोखे में नहीं आना चाहिए।

हमें धर्म के नाम पर उठने वाली हर आवाज़ के धोखे में नहीं आना चाहिए। सूरए तौबा की आयत क्रमांक 107 وَالَّذِينَ اتَّخَذُوا مَسْجِدًا...

विवाह मं लड़की की स्वीकृति इस्लाम की नज़र मं

विवाह मं लड़की की स्वीकृति इस्लाम की नज़र मं हज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़र्माते हैं- मैं पैग़म्बर के पास गया और चुप-चाप उनके सम्मुख बैठ गया।पै...

बरज़ख़ ,स्वर्ग.नरक और क़यामत क्या है

बरज़ख़ आयाते क़ुरआन और अहादीस मासूमीन (अ) से मालूम होता है कि मौत इंसान की नाबूदी का नाम नही है बल्कि मौत के बाद इंसान की रूह ...

हर मुसलमान को खुद कुरान और सुन्नत ऐ मुहम्मद (स.अव) का इल्म होना चाहिए

मुसलमान बड़ा शोर मचाता है कि वो कुरान को मानता है शरीयत ऐ मुहम्मद में यकीन रखता है फिर ना जाने क्यूँ इधर उधर अपना अलग अलग इमाम तलाशता फि...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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Jaunpur Hindi Web , Jaunpur Azadari

 

Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom

A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.

भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |

हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने

जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर

आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी

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