क़दम ऐ रसूल (स) के निशानात की हकीकत |
मान्यता है कि कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब जब पहाड़ों पर चलते थे तो उनके पैरों के निशान शिला पर अंकित हो जाते थे। आज भारत में ऐसे अनगि...
मान्यता है कि कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब जब पहाड़ों पर चलते थे तो उनके पैरों के निशान शिला पर अंकित हो जाते थे। आज भारत में ऐसे अनगि...
क़ुरान मजीद सुरए शूरा में अल्लाह फरमाता है इमान वाले वो हैं जो नमाज़ क़ायम करते हैं अपने रब की पुकार का जवाब देते हैं ,नमाज़ क़ाएम कर...
मुसलमानो के खलीफा हज़रत अली इब्ने अभी तालिब को मस्जिद ऐ कूफ़ा में सुबह की नमाज़ में एक ज़ालिम इब्ने मुल्जिम से उस वक़्त शहीद किया जब हज़रत...
आख़िरत में हमारा दींन क्या दीन ऐ इस्लाम होगा क्यों की जन्नत तो इन्ही लिए है ? दुनिया में हम अपने अक़ीदे को बयान करके खुद को मुसलमा...
इंसान अपनी ज़िंदगी में अल्लाह से क़रीब होने के लिए बहुत से अमल अंजाम देता है लेकिन कभी कभी महसूस करता है कि इतने सारे आमाल के बावजूद...
ईद ऐ ग़दीर खुशियों का दिन है और मुसलमानों के आपसी भाईचारे और एकता का प्रतिक है | लेकिन यह दुआ हमेशा करते रहे की अल्लाह हम सबको इब्ल...
आज शब् ऐ क़द्र की २३ रमज़ान थी | ध्यान से सोंचिये क्या आज रात भर हमने :- १. किसी इंसान का दिल दुखाया ? २. क्या किसी की ग़ीबत की ? ३....
सूरए बक़रह की आयत नंबर २२८ इस प्रकार है। और तलाक़ पाने वाली स्त्रियां तीन बार मासिक धर्म आने तक स्वयं को प्रतीक्षा मे रखें और यदि वे ई...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद | मशहूर शायर कामिल जौनपुरी ने क्या खूब कहा है | मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता ज...
किसी भी अक्लमंद इंसान को सबसे पहले यह सोंचना चाहिए की वो हकीकत में हैं क्या और अल्लाह से उसका क्या रिश्ता है |मानवजाति का अल्...
इस्लाम का एक कानून है कि नेकी जितना हो लोगों तक पहुँचाओ उसे जिंदा रखो और बुराई जितना संभव हो दबाव और उसे बढ़ने से रोकते रहो | इसी का...
मुसलमान बड़ा शोर मचाता है कि वो कुरान को मानता है शरीयत ऐ मुहम्मद में यकीन रखता है फिर ना जाने क्यूँ इधर उधर अपना अलग अलग इमाम तलाशता फि...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...