ईद की मुबारकबाद- जानिये ईद क्या है ?
सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद | मशहूर शायर कामिल जौनपुरी ने क्या खूब कहा है | मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता ज...
https://www.qummi.com/2015/07/blog-post_16.html
सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद | मशहूर शायर कामिल जौनपुरी ने क्या खूब कहा है |
मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता जाम है।
आदमी को आदमी से प्यार करना चाहिए, ईद क्या है एकता का एक हसीं पैगाम है।
ईद उल फि़त्रः पहली शव्वाल को एक महीने के रोज़े पूरे करने का शुकराना और फि़तरा निकाल कर ग़रीबों की ईद का सामान फ़राहम करने का ज़रिया है।
शब्दकोष में ईद का अर्थ है लौटना और फ़ित्र का अर्थ है प्रवृत्ति |इस प्रकार ईदे फ़ित्र के विभिन्न अर्थों में से एक अर्थ, मानव प्रवृत्ति की ओर लौटना है| बहुत से जगहों पे इसे अल्लाह की और लौटना भी कहा गया है जिसका अर्थ है इंसानियत की तरफ अपने दिलों से नफरत, इर्ष्य ,द्वेष इत्यादि बुराईयों को निकालना |वास्वतविक्ता यह है कि मनुष्य अपनी अज्ञानता और लापरवाही के कारण धीरे-धीरे वास्तविक्ता और सच्चाई से दूर होता जाता है| वह स्वयं को भूलने लगता है और अपनी प्रवृत्ति को खो देता है. मनुष्य की यह उपेक्षा और असावधानी ईश्वर से उसके संबन्ध कोसमाप्त कर देती है| रमज़ान जैसे अवसर मनुष्य को जागृत करते और उसके मन तथा आत्मा पर जमी पापों की धूल को झाड़ देते हैं|इस स्थिति में मनुष्य अपनी प्रवृत्ति की ओर लौट सकता है और अपने मन को इस प्रकार पवित्र बना सकता है कि वह पुनः सत्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करने लगे|
नह्जुल बलागा मे हजरत अली (अ.स) अपने खुत्बे मे कहते है कि :
हे लोगो, यह दिन आपके लिए ऐसा दिन है कि जब भलाई करने वाले अल्लाह से अपना पुरूस्कार प्राप्त करते और घाटा उठाने वाले निराश होते हैं। इस प्रकार यह दिन प्रलय के दिन के समान होता है। अतः अपने घरों से ईदगाह की ओर जाते समय कल्पना कीजिए मानों क़ब्रों से निकल कर ईश्वर की ओर जा रहे हैं। नमाज़ में स्थान पर खड़े होकर ईश्वर के समक्ष खड़े होने की याद कीजिए। घर लौटते समय, स्वर्ग की ओर लौटने की कल्पना कीजिए। इसीलिये यह बेहतर है कि नमाज़ ए ईद खुले मैदान मैं अदा कि जाए और सर पे सफ़ेद रुमाल नंगे पैर ईद कि नमाज़ मैं जाए. नमाज़ से पहले गुसल करे और सजदा नमाज़ के दौरान मिट्टी पे करे|
ईद की नमाज़ होने के बाद एक फ़रिश्ता पुकार-पुकार कर कहता हैः शुभ सूचना है तुम्हारे लिए हे ईश्वर के दासों कि तुम्हारे पापों को क्षमा कर दिया गया है अतः बस अपने भविष्य के बारे में विचार करो कि बाक़ी दिन कैसे व्यतीत करोगे? इस शुभ सुन्चना को महसूस करने के बाद रोज़ेदार खुश हो जाता है और एक दुसरे को गले मिल के मुबारकबाद देता है | घरों की तरफ लौट के खुशियाँ मनाता है और अल्लाह से वादा करता है की अब पाप से बचूंगा और समाज में एकता और शांति के लिए ही काम करूँगा |
संचालक......एस एम मासूम