मरहूम मौलाना हसन अब्बास खान ग़रीबों का मददगार थे |
आज के दौर की सबसे बड़ी मुश्किल यह है की गुनाहं के आम हो जाने और लोगों के गुनाहों पे राज़ी हो जाने वाले समाज को देख के लोगों के ज़हन में यह...
आज के दौर की सबसे बड़ी मुश्किल यह है की गुनाहं के आम हो जाने और लोगों के गुनाहों पे राज़ी हो जाने वाले समाज को देख के लोगों के ज़हन में यह...
मौलाना एहसान जवादी मरहूम आज के दौर के उलेमा की ज़िन्दगी को क़रीब से देखने से यह मालूम होता है की अहलेबैत के बताय तौर तरीके आज भी ज़िंदा ...
इंसानो की पहचान आसान है मुश्किल नहीं | इंसान एक सामाजिक प्राणी है और समाज के लोगों से मिलना जुलना उसकी आदत भी है बहुत बार मज़बूरी भी...
पूरी दुनिया के इंसानो पे बड़ा सख्त वक़्त आया है इस महामारी कोरोना की शक्ल में जिस से हर शख्स डरा हुआ है | लोग इसके बारे में अलग अलग सोंच...
मौलाना सैय्यद अली क़ासिम रिज़वी मरहूम आज यह ज़रूरी हो गया है की हम अपने दौर के उन उलेमा को क़रीब से जानें जिनका किरदार हर दौर में लोगों को...
दुआऐ तवस्सुल हिंदी में तर्जुमे के साथ | शेख़ अबू जाफर तुसी अपनी किताब मिस्बाह में फरमाते हैं की इमाम हसन-बिन-अल-अस्करी (अ:स) न...
सूरए क़सस की आयत 4 का अनुवाद: निश्चतय ही फ़िरऔन ने (मिस्र की) धरती में उद्दंडता की और वहां के लोगों को विभिन्न गुटों में बांट दिया। उन...
कर्बला से हमने क्या सीखा ? क्या लोगों का किरदार इमाम हुसैन अलैहिसलाम के शहादत के बाद सुधरा ? ...एस एम् मासूम | असत्य पे सत्य की जीत की ...
मुंबई से आया मेरा दोस्त "दूर "से सलाम करो | साथ में न घूमो फिरो बोलो घर में आराम करो | कोरोना को हलके में न लीजे और ना जज़्बा...
आज जहाँ एक तरफ कोरोना की वजह से मस्जिदें इमामबाड़े और मिम्बर सूने पड़े हैं तो वहीँ दुसरी तरफ ऑनलाइन मजलिसों का सिलसिला शुरू हो चूका है | आज ल...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...