माह ऐ मुहर्रम में अज़ादारी बिना नीयत की पाकीज़गी के नहीं हो सकती|
इस्लाम की निगाह में वह अमल सही है जो अल्लाह उसके रसूल स.अ. और इमामों के हुक्म के मुताबिक़ हों क्योंकि यही सेराते मुस्तक़ीम है, और जि...
इस्लाम की निगाह में वह अमल सही है जो अल्लाह उसके रसूल स.अ. और इमामों के हुक्म के मुताबिक़ हों क्योंकि यही सेराते मुस्तक़ीम है, और जि...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (स.) 1. आदमी जैसे जैसे बूढ़ा होता जाता है उसकी हिरस व तमन्नाएं जवान होती जाती हैं। 2. ...
ग़दीर पर रसूले इस्लाम (स.अ.) का ऐलान | हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम को भी ग़दीर का उतना ही ख़्याल थ...
ईद ऐ ग़दीर खुशियों का दिन है और मुसलमानों के आपसी भाईचारे और एकता का प्रतिक है | लेकिन यह दुआ हमेशा करते रहे की अल्लाह हम सबको इब्ल...
किसी ने मुसलमानो के खलीफा हज़रत अली (अ.स ) से पूछा की कोई शख्स उसका सच्चा दोस्त है या नहीं यह कैसे पता किया जाय तो हज़रत अली ने फ़रमा...
इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ .स ) ने कहा चार लोगों के साथ कभी नहीं रहना | एक बार इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ .स ) ने अपने बेटे इमाम मुहम्मद बाक़...
ईरान में अमीर और ग़रीब के बीच फासले को लेकर पहले काफी कुछ पढ़ा था। ईरान पहुंचकर भी मेरी दिलचस्पी क़रीब साढ़े आठ करोड़ आबादी वाले इस म...
कल आज और कल | बचपन में जब भाई बहन एक दुसरे के साथ ना इंसाफ़ी करते थे तो माँ बाप ना इंसाफ़ी करने वाले बच्चे को डांट के जिसका हक़...
नमाज़ की अस्ल यह है कि उसको जमाअत के साथ पढ़ा जाये। और जब इंसान नमाज़े जमाअत मे होता है तो वह एक इंसान की हैसियत से इंसानो के ...
हमें ज़िन्दगी कैसे गुज़ारनी है यह नमाज़ के दो जुम्लों से तय होती है। पहला ग़ैरिल मग़ज़ूबि अलैहिम वलज़्ज़ालीन (न उनका जिनपर ग़ज़ब (प्...
पैग़ाम ए इमाम हुसैन अ स अपने अज़ादारो के नाम ।।।।। मेरा पैग़ाम ज़माने को सुनाने वालो ।। मेरे ज़ख्मो को कलेजे से लगाने वालो ।। मेर...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...