दुनिया का पहला क़त्ल इर्ष्या के कारन हुआ |

दुनिया का पहला क़त्ल सकीना बानों अलवी हम आपके सामने आज दुनिया के पहले क़ल्त के बारे में बयान करने जा रहे हैं। ईश्वर ने सार...

माँ, बाप, अल्लाह, और पड़ोसी का हक़ चौथे इमाम की नज़र में

इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ.) ने फ़रमाया: अल्लाह का तुम पर हक़ यह है कि उसकी आराधना करो और किसी चीज़ को उसका साथी न बनाओ, और अगर सच्चे द...

Amaal shab e Qadr Mah e Ramzan JPG in English

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हम पे एहसान है अल्लाह का जिसने हमें इस्लाम की शक्ल मैं हिदायत दी | एहसान फरामोशी |

एक दिन हज़रत मूसा अलैहिस्लाम कोहे तूर पर तशरीफ ले जा रहे थे। रास्ते में उनकी मुलाकात एक इंसान से हुई जो अल्लाह की इबादत मैं लगा हुआ थ...

अमाल ए शब् ए कद्र हिंदी

ज़िआरत ए मासूमीन (अस) और ज़िआरत ए वारिसा इमाम अली (अस ) की वसीयत और हम जवानों को इमाम अली (अ) की वसीयतें

कहीं ऐसा तो नहीं कि औलाद हमारी है परवरिश दे रहा है इब्लीस? facebook ethics.

किसी भी अक्लमंद इंसान को सबसे पहले यह सोंचना चाहिए की वो हकीकत में हैं क्या और अल्लाह से उसका क्या रिश्ता है |मानवजाति का अल्...

हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत

पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम ने कहा कि हे अली, जिब्राईल ने मुझे तुम्हारे बारे में एक एसी सूचना दी है जो मेरे नेत्रों क...

हमारा कुसूर क्या है ?

जी हाँ आज भी हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) की औलाद दुनिया भर के मुसलमानों से पूछती है हमारा कुसूर क्या था कि बाद वफात ए रसूल ए खुदा हज़रत मुहम्मद...

सोशल मीडिया पे कुरान भेजना सही या हराम ?

इस्लाम का एक कानून है कि नेकी जितना हो लोगों तक पहुँचाओ उसे जिंदा रखो और बुराई जितना संभव हो दबाव और उसे बढ़ने से रोकते रहो | इसी का...

बारह रमज़ान का दिन भाईचारे का का वो दिन जब अली को अपना भाई बनाया था |

हिजरत के पहले वर्ष बारह रमज़ान के दिन पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम ने, मक्के से मदीने पलायन करने...

भारत और इरान जैसे अमन पसंद देश आतंकवाद के निशाने पे क्यूँ रहते हैं ?

भारत देश हमेशा से मानवता से भरा  अमन पसंद देश कहलाता रहा है और इसी कारण से ना जाने कितने आतंकवादी हमले झेलने के बाद भी यह देश अमन प...

सूरए नूर, आयतें 30-31..ईमान वाले पुरुषों से कह दीजिए कि अपनी निगाहें (हराम चीज़ों से) बचाकर रखें

 सूरए नूर, आयतें 30-31,  (हे पैग़म्बर!) ईमान वाले पुरुषों से कह दीजिए कि अपनी निगाहें (हराम चीज़ों से) ब चाकर रखें और अपनी पवित...

1400 साल पहले हज़रत अली (अ) ने बता दिया था मोर और मोरनी के आंसुओं का राज़ |

चौथी सदी हिजरी में सैयद रज़ी नामक प्रसिद्ध धर्मगुरु ने हज़रत अली (अ) के  कथनों का संकलन प्रकाशित किया जिसे" नहजुलबलागा" क...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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