सूरए माएदा; 5 :आयतें 7-40-आदम और मूसा का वाक्या
माएदा की 7वीं आयत और अपने ऊपर ईश्वर की अनुकंपा तथा प्रतिज्ञा को याद करो जिसका वह तुमसे वादा ले चुका है, जब तुमने कहा था कि हमने सुना और...
माएदा की 7वीं आयत और अपने ऊपर ईश्वर की अनुकंपा तथा प्रतिज्ञा को याद करो जिसका वह तुमसे वादा ले चुका है, जब तुमने कहा था कि हमने सुना और...
सूरए माएदा क़ुरआने मजीद का पांचवां सूरा है जो पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की आयु के अन्तिम दिनों में उतरा है। इस स...
परलोक पर विश्वास के लिए क़यामत व प्रलय का अत्यधिक महत्व है किंतु वास्तव में क़यामत या प्रलय है क्या? प्रलय उस दिन को कहते हैं जिस दिन ल...
लखनऊ अज़ादारी की पहचान है और अज़ादारी को आगे बढाने में इसका बहुत बड़ा योगदान रहा है | अब लखनऊ आबादी बढ़ने की वजह से फैलने लगा है | लखनऊ ...
आतंकवादियों के खिलाफ शिया मुजतहिद हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सीसतानी ने दिया जिहाद का फतवा | कल दोपहर इराक के मरजा-ए-तक़लीद हज़रत आयतुल...
सूरए निसा; आयतें 58-59 नि:संदेह ईश्वर तुम्हें आदेश देता है कि अमानतों को उनके मालिकों को लौटा दो और जब कभी लोगों के बीच फ़ैसला करो तो ...
सूरए निसा; आयतें 1-3 सूरए आले इमरान की व्याख्या पिछले कार्यक्रम में समाप्त हो गई और अब हम क़ुरआन मजीद के चौथे सूरे अर्थात सूरए निसा की...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...