कमाल यह की पापियों की जगह धर्म बदनाम हो रहा है ।

धार्मिक इंसान अपने गुनाहो की तौबा के लिये अल्लाह का सहारा नही लेता बल्कि अपने गुनाहो को दुनियावालों से छुपाने के लिये धर्म का सहारा ...

मेहर क्या है? और ये कब तय किया और कब दिया जाता है?

मेहर वो रक़म है जो किसी लड़की का  होने वाला शौहर लड़की तो तोहफे के तौर पे दिया करता है लेकिन यह रक़म लड़की तय किया करती है | इस मेहर को न तो ...

प्रलय है क्या?

परलोक पर विश्वास के लिए क़यामत व प्रलय का अत्यधिक महत्व है किंतु वास्तव में क़यामत या प्रलय है क्या? प्रलय उस दिन को कहते हैं जिस दिन ल...

क्या ज़हूर ऐ इमाम का वक़्त तय है ?

जिस वक़्त ज़हूर की बातें होती हैं तो इंसान के दिल में एक बहुत सुन्दर एहसास पैदा होता है जैसे वह नहर के किनारे किसी हरे भरे बाग में बैठा ह...

सजा देने और माफ़ करने का एक बेहतरीन उदाहरण |

 इरान में एक हत्यारे पे अपने दोस्त की हत्या का आरोप था और उसे फँसी की सजा सुनायी गयी | जिस समय हत्यारे को फँसी की सजा दी जा रही थी | हत्यार...

इस्लाम की नज़र में बच्चे का गोद लेना और उसको अपनी सम्पति देना |

इस्लाम के कानून के अनुसार यतीम को पालने और उनकी मदद करने की बहुत ज्यादा अहमियत है | यहाँ तक कहा गया है कि यतीम को इस तरह पालो की अपने ब...

आज इमानदार गुमनामी में जीने को मजबूर है |

 आज हमारे चारों तरफ यह इंसान जो कुछ भी करता नज़र आता है उसके पीछे केवल एक मकसद हुआ करता धन कमाना अब अपना यह मकसद चाहे इंसान समाज सेवा के ना...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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