google.com, pub-0489533441443871, DIRECT, f08c47fec0942fa0 आज इमानदार गुमनामी में जीने को मजबूर है | | हक और बातिल

आज इमानदार गुमनामी में जीने को मजबूर है |

 आज हमारे चारों तरफ यह इंसान जो कुछ भी करता नज़र आता है उसके पीछे केवल एक मकसद हुआ करता धन कमाना अब अपना यह मकसद चाहे इंसान समाज सेवा के ना...

 आज हमारे चारों तरफ यह इंसान जो कुछ भी करता नज़र आता है उसके पीछे केवल एक मकसद हुआ करता धन कमाना अब अपना यह मकसद चाहे इंसान समाज सेवा के नाम पे हल करे, नेतागिरी के नाम पे हल करे ,या व्यापार और नौकरी से हासिल करे | इमानदारी से आज दी दुनिया में बहुत अधिक धन और ऐश ओ आराम नहीं पाया जा सकता तो इस धन के लोभी इंसान का आज बेईमान होना तो तय  है  | अब इस बात कोई कोई मान ले या कोई चेहरे पे इमानदारी, देश सेवा , जान सेवा का नकाब चढाये रहे इस से कोई फर्क नहीं पड़ता | इसका अपवाद भी हमारे इस समाज में देखने को मिलता है जहां आप को उस इंसान की परेशानी, बदहाल हालत देखते ही समझ में आ जाता है की यह ईमानदारी की बीमारी के शिकार हैं | धार्मिक सीख इत्यादि तो यही कहती है की यह इमानदार इंसान इज्ज़त के काबिल है, इसके साथ उठो बैठो और इस से सीखो लेकिन आज धन का लोभी इंसान सोंचता है इसके साथ बैठने से केवल समय ही बर्बाद होगा कोई फायदा नहीं होगा और यह इमानदार आज के इंसान को किसीछूत छूट की बीमारी जैसा लगने लगता है | इन इमानदारों में भी दो किस्म हुआ करती है | एक वो जिसे बेईमानी का मौक़ा ही नहीं मिला और दूसरा वो जो हकीकत में इमानदार है | जो हकीकत में इमानदार है वो अपने अल्लाह, इश्वेर ,भगवान् को सबसे बड़ा समझता है और आज की मुख्य धारा से बाहर  हो जाया करता है लोगों के मज़ाक का कारण बनता है और गुमनाम सी  ज़िन्दगी जीने पे मजबूर हो जाता है |


इस्लाम के कानून के अनुसार जिस समाज में बेईमान, ज़ालिम इज्ज़त  पाए और इमानदार गुमनामी में जिए वो समाज इंसानी समाज नहीं बल्कि जानवरों के रहने की जगह है जिसका दरवाज़ा जहन्नम का दरवाज़ा है | इमानदार की परेशानी, बदहाली और गुमनामी की सजा उसके आस पास रहने वालों को भी मिलेगी क्यूँ की यदि वो भी इमानदार होते तो यह गुमनाम इमानदार आज सबसे ज्यादा इज्ज़तदार, शोहरत का मालिक होता |

एस एम् मासूम 

Related

society 825578898102022203

Post a Comment

emo-but-icon

Follow Us

INNER POST ADS

Hot in week

Recent

Comments

Admin

Featured Post

नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

Discover Jaunpur , Jaunpur Photo Album

Jaunpur Hindi Web , Jaunpur Azadari

 

Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom

A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.

भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |

हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने

जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर

आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी

item