कमाल यह की पापियों की जगह धर्म बदनाम हो रहा है ।
धार्मिक इंसान अपने गुनाहो की तौबा के लिये अल्लाह का सहारा नही लेता बल्कि अपने गुनाहो को दुनियावालों से छुपाने के लिये धर्म का सहारा ...
https://www.qummi.com/2015/04/blog-post_22.html
जबकि होना यह चाहिए कि यदि अल्लाह ,भगवान ,ईश्वर पे यक़ीन है तो उसके बताये रास्ते पे चलें और पाप हो जाए तो उसकी माफी मांगे और कभी ना दोहराने का प्रण करें ,ना की धार्मिक बन के उसे लोगो से छुपाये और करते रहे ।
लेकि भाई आज कल ढोंगियों का ज़माना है और उन्ही का राज है और उसपे कमाल यह की पापियों की जगह धर्म बदनाम हो रहा है ।