अली है नाम लक़ब जिसका सीस्तानी है
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अली है नाम लक़ब जिसका सीस्तानी है
अली का शहर नजफ़ उसे राजधानी है
फकीह है और इमामे जुमा का नासिर भी
वही जो इब्ने मज़ाहिर का आज सानी है
बस एक फतवे से दाईश को कर दिया जो
लहू में उसके जईफ़ी में भी जवानी है
कि जिसने मुल्क को फिरकों में टूटने ना दिया
ये उसके इल्म औ फिरासत कि एक निशानी है
कलम की नोक से जो सम्राज को कुचला
क़लम में बूढ़े मुजाहिद के वो रवानी है
कहे है जिसको नसारा अमन का पैग़म्बर
गुजारी जिसने इताअत में जिंदगानी है
जहां में कौम वो जिंदा रहेगी जिसने जरी
हर एक गौर में रहबर की बात मानी है |
.......जरी अब्बास