ईर्ष्या का आभास करबला की नींव |
करबला की नींव उसी समय पड़ गई थी कि जब शैतान ने आदम से पहली बार ईर्ष्या का आभास किया था और यह प्रतिज्ञा की थी कि वह ईश्वर के बंदों...
करबला की नींव उसी समय पड़ गई थी कि जब शैतान ने आदम से पहली बार ईर्ष्या का आभास किया था और यह प्रतिज्ञा की थी कि वह ईश्वर के बंदों...
काबे की छत पर हज़रत अब्बास का ख़ुत्बा अनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी एक रिवायत में आया है कि हज़रत अब्बास (अ) ने मक्का शहर...
मंज़िल ब मंज़िल हुसैनी क़ाफ़िले के साथ अनुवादकः सैय्यद ताजदारु हुसैन ज़ैदी अल्लाह के दीन की सुरक्षा और अपने नाना पैग़म्बरे इ...
दुआए कुमैल हिन्दी अनुवाद के साथ اللهم إنِّي أَسْأَلُكَ بِرَحْمَتِكَ الَّتي وَسِعَتْ كُلَّ شَيْء، وَ بِقُوَّتِكَ الَّتي قَهَرْت...
कर्बला के बहत्तर शहीद और उनकी संक्षिप्त जीवनी शोहदा ए बनी हाशिम 1. हज़रत अब्दुल्लाह – जनाबे मुस्लिम के बेटे और जनाबे अबू...
सूरए आले इमरान की आयत संख्या ५४ तथा ५५ इस प्रकार है। (ईसा मसीह के शत्रुओं ने उनकी हत्या की) योजना बनाई और ईश्वर ने भी (उन्हें बचाने...
२८ रजब का चला काफिला ४ शाबान को मक्का पहुंचा । इस वक़्त तक इमाम हुसैन (अ. स ) ने अभी तक यह तय नहीं किया था की उन्हें किस तरफ जाना ...
शियों की प्रसिद्ध किताब अलकाफ़ी में एक रिवायत है जो एक समाज में मुसलमानों को दूसरे मुसलमान से किस प्रकार पेश आना चाहिये इसमें बताया...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...