अपने दो भाईयो के बीच सुलह करा दो और अल्लाह का डर रखो,

ऐ ईमानवालो! अल्लाह और उसके रसूल से आगे न बढो और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह सुनता, जानता है (1) ऐ लोगो, जो ईमान लाए हो! तुम अ...

एक मुस्लमान के लिए ज़रूरी है कि अपने घर परिवार और रिश्तेदारों से मुलाक़ात करता रहे

इस्लाम ने जिन समाजी और सोशली अधिकारों की ताकीद की है और मुसलमानों को उनकी पाबंदी का हुक्म दिया है उनमें से एक यह है कि वह अपने घर परिव...

हसद का इलाज क्या है?

हसद का मतलब होता है किसी दूसरे इंसान में पाई जाने वाली अच्छाई और उसे हासिल नेमतों के ख़त्म हो जाने की इच्छा रखना। हासिद इंसान यह नहीं ...

ग़ीबत एक ऐसी बुराई है जो इंसान के दिलो दिमाग़ को नुक़सान पहुंचाती है

ग़ीबत यानी पीठ पीछे बुराई करना है, ग़ीबत एक ऐसी बुराई है जो इंसान के दिलो दिमाग़ को नुक़सान पहुंचाती है और समाजिक संबंधों के लिए भी ज...

हज़रत अली अ. क्यूँ शहीद हुये?

अमीरूल मोमिनीन अलैहिस्सलाम की समाजी और सियासी ज़िंदगी में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ “न्याय व इंसाफ़” है। जिस तरह आपकी निजी ज़िंदगी का सबसे स...

हुसैन आज भी अकेले हैं!!!

इन्सान आज भी जब इतिहास में झांक कर देखता है तो उसे दूर तक रेगिस्तान में दौड़ते हुए घोड़ें की टापों से उठती हुई धूल के बीच खिंची हुई तलवा...

तकलीद किसकी करें -ज़रूरी मसायल |

हुज्जतुल इस्लाम मौलाना अहमद अली आबेदी साहब के मुंबई खोजा जामा मस्जिद के तारीखी ख़ुत्बे  के बाद उम्मत ए तशय्यो में एक ज़िम्मेदाराना बदलाव ...

दोस्त की तळाश है तो पढे सूरए बक़रह की २५७ आयत |

अल्लाह विश्वास रखने वालों का स्वामी है और उन्हें अंधकारों से प्रकाश की ओर ले जाता है और इन्कार करने वालों के स्वामी झूठे ख़ुदा होते हैं...

दिल दुखी है तो पढिये सूरए बक़रह की ये आयत |

क़ुरान मे बहुत से आयत है जिनका इस्तेमाल परेशानी मे भी इन्सान किया जैसे आयताल कुर्सी पढने से इन्सान मह्फुज रहता है इत्यादी | मुझे किसी ...

आज ३ शबान हजरत मुहम्मद (स.अ.व) के नवासे इमाम हुसैन (अ.स) का जन्म दिवस है

आज ३ शबान हजरत मुहम्मद (स.अ.व) के नवासे इमाम हुसैन (अ.स) का जन्म दिवस है | ये वो शक्सियत है जिसे दुनिया मे नेकी फैलाने और बुराई मिटाने ...

इंतेक़ाल के बाद भी मां की दुआ काम करती है |

  अगर कोई शक्स अपने मां बाप के इन्तेक़ाल के बाद उनसे अपनी मुहब्बत का इजहार करना चाहता है , उन्हे ख़ुशी देना चाहता है तो उनके इन्तेक़ाल...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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