इस्लाम में खुद खुशी हराम है सूरह ४: अन निसा
यदि आपको यह मालूम हो चूका है की अगर आप सावधान न रहे तो आपको ऐसी बीमारी लग सकती है जो जानलेवा है और फिर भी सावधानी नहीं बरत रहे तो यह...

यदि आपको यह मालूम हो चूका है की अगर आप सावधान न रहे तो आपको ऐसी बीमारी लग सकती है जो जानलेवा है और फिर भी सावधानी नहीं बरत रहे तो यह खुद खुशी कहलाएगी | हाँ आपने सावधानी बरती फिर भी लग जाय तो मसला अलग है और यह ख़ुदकुशी में नहीं शामिल किया जा सकता |
इस्लाम में खुद खुशी हराम है और इसका ज़िक्र क़ुरआन की सूरह ४: अन निसा: आयत 29 में मौजूद है “(ऐ इंसानों !) अपने आप को क़त्ल मत करो” – (सूरह ४: अन निसा: आयत 29)
सहीह बुखारी में भी हदीस है की मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः “जिसने अपने आप को पहाड़ से गिरा कर आत्म-हत्या की वह नरक की आग में भी इसी तरह हमेशा गिरता रहेगा और जिस व्यक्ति ने लोहे की हथियार से खुद को मारा वह नरक में भी हमेशा अपने पेट में हथियार घोंपता रहेगा।
खुदखुशी से बचिए सावधानी रखिये |