क्या आपका परिवार या क़ौम टूट के बिखर रही है ?

वो खुशनसीब होता है जिसके घर वाले पति पत्नी भाई बहन उसके सुख दुःख के साथी होते हैं लेकिन कुछ बदनसीब होते हैं जिन्हे अपने ही घर में ...




वो खुशनसीब होता है जिसके घर वाले पति पत्नी भाई बहन उसके सुख दुःख के साथी होते हैं लेकिन कुछ बदनसीब होते हैं जिन्हे अपने ही घर में परिवार में अपनापन नहीं मिलता और वे मजबूर हो जाते हैं गैरों के साथ मिलजुल के खुश रहने पे | ऐसा घराना टूट के बिखर जाता है |

वैसे ही जिस क़ौम के लोग आपस में मुहब्बत नहीं करते एक दुसरे को नुकसान पहुंचाने , टांग खींचने की फ़िराक़ में लगे रहते हैं उस क़ौम के लोग भी गैरों के बीच खुद को खुश रखने की कोशिश किया करते हैं |

ऐसे क़ौम टूट के बिखर जाती है और गैरों की गुलामी करने पे मजबूर हो जाती है | ख्याल रहे इसका असर हर एक पे पड़ता है कोई एक शिकार नहीं होता इसलिए अपने परिवार में अपने क़ौम में एक दुसरे की कमियों को नज़रअंदाज़ करते हुए माफ़ करते हुए एक दुसरे को आगे बढ़ाओ, साथ दो ,मामदगार रहो और फिर देखो कैसे तुम्हारा परिवार तुम्हारी क़ौम मज़बूत बनती है और तरक़्क़ी करती है |

एस एम् मासूम 

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