google.com, pub-0489533441443871, DIRECT, f08c47fec0942fa0 तलाक की प्रक्रिया को पहले समझें फिर संशोधन की बात करें | | हक और बातिल

तलाक की प्रक्रिया को पहले समझें फिर संशोधन की बात करें |



तीन तलाक का मज़ाक इसलिए बन रहा है क्यूँ की आज इस्लाम धर्म के कानून को कुरान की नज़र से बहुत कम लोग जानते हैं | कुरान में उन महिलाओं के लिए कहा गया है जिन्हें तलाक दिया जा चूका है की तीन महीने तक इंतज़ार करें और दूसरी शादी न करें और इस बीच में यदि पति पत्नी आपस में एक दूसरे के साथ समझौता करना चाहे शिकायत दूर कर के तो वो रह सकते हैं किसी निकाह की आवश्यकता नहीं |

अब आप खुद ही बताएं क्या यह तलाक हुआ है ? यदि नहीं तो इतना झमेला किस बात का का है ? तलाक में गवाह की ज़रुरत भी हुआ करती है यह नहीं की गुस्सा आया और बोल दिया तलाक तलाक और यदि बोल देने पे कोई मानता भी है की तलाक हुआ तो तीन महीने तक वापस लौटने के सारे रास्ते खुले हैं बिना किसी मुफ़्ती मौलवी के पास जाय |

कुरान में इस बात का भी ज़िक्र है की तलाक़ का अनुरोध पत्नी भी कर सकती है केवल पति ही तलाक नहीं दे सकता |

और अंत में यह भी सभी मुसलमान मानते हैं की तलाक हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की नज़र में सब से बुरा अमल है बस इसकी इजाज़त मजबूरी की हालत में है जब किसी भी तरह पति पत्नी साथ न रह सकें |
अब इसमें जनाब क्या संशोधन करेंगे ?

संशोधन की जगह केवल वहाँ है जहां इस्लाम के कानून जहालत के कारन ना समझ पाने से एक साथ एक वक़्त में तीन बार तलाक कह के तलाक दे दिया जाता है |

हवाला : सूरए बक़रह की आयत संख्या 228 से २३२ तक |



Related

talaq 1151414877068497949

Post a Comment

emo-but-icon

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Admin

Featured Post

नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

Discover Jaunpur , Jaunpur Photo Album

Jaunpur Hindi Web , Jaunpur Azadari

 

Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom

A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.

भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |

हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने

जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर

आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी

item