इमाम हुसैन के लिए हजरत मुहम्मद (स.अ.व) ने सजदा लम्बा कर दिया|
हज़रत अबदुल्लाह बिन शद्दाद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से वर्णित है, वह अपने पिता से वर्णित करते हैं, इन्हों ने फरमाया के हज़रत रसूल अल्लाह सल...
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हज़रत अबदुल्लाह बिन शद्दाद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से वर्णित है, वह अपने पिता से वर्णित करते हैं, इन्हों ने फरमाया के हज़रत रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम इ़शां कि नमाज़ के लिए हमारे पास आए, इस स्थिति में आप हज़रत हसन या हज़रत हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को उठाए हुए थे, फिर हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम आगे तशरीफ ले गए तथा इन्हें बिठा दिया, फिर आप ने नमाज़ के लिए तकबीर फरमाई एवं नमाज़ अदा करने लगे नमाज़ में आप ने लम्बा सजदा किया, मेरे पिता कहते हैः- मैं ने सर उठा कर देखा के हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम सजदे में है हैं तथा शहज़ादे रज़ियल्लाहु तआला अन्हु आप कि धन्य पीठ पर हैं। तो मैं फिर सजदे में चला गया, जब हज़रत रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम नमाज़ से फारिग़ हुए तो सहाबा किराम ने विनती कीः या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम! आप ने नमाज़ में सजदा लम्बा (तवील) फरमाया के हमें आशंका हुई के कहीं कोई घटना पेस नहीं आई, या आप पर अल्लाह कि वही प्रकट नहीं हो रही है? तो सरकार पाक सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम ने आदेश फरमायाः इस प्रकार कि कोई बात नहीं हुई सिवाए यह के मेरा (सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम) बेटा मुझ पर सवार हो गया था, और जब तक वह अपनी इच्छा से ना उतरे मुझे हटना पसंद ना हुआ।
(सुनन निसाई, हदीस संख्याः 1129, मुसनद इ़माम, हदीस संख्याः 15456, मुसन्नफ इ़ब्न अबी शैबा, जिल्द 7, पः 514, मुसतदरक अ़ला सहिहैन, हदीस संख्याः 4759/6707, मुअ़जम कबीर तबरानी, हदीस संख्याः 6963, मजमअ़ अज़ ज़वाईद, जिल्द 9, पः 181, सुनन अल कुबरा लिल बैहखी, हदीस संख्याः 3558, सुनन कुबरा लिल नसाई, जिल्द 1, पः 243, हदीस संख्याः 727, अल मुतालिब अल आ़लियह, हदीस संख्याः 4069, मुसनद अबी यआ़ला, हदीस संख्याः 3334, कंज़ुल उ़म्माल हदीस संख्याः 37706/37705/34380)
हज़रत अबदुल्लाह बिन बरीदह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कहते हैं के इन्होंने हज़रत अबु बरीदह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को कहते हुए सुना हबीब अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम हमें खुत्बा आदेश कर रहे थे के हसनैन करीमैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु धारीदार वस्त्र पहन कर लड-खडाते हुए आ रहे थे तो हज़रत रसूल अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम मिम्बर शरीफ से नीचे तशरीफ लाय इ़माम हसन व इ़माम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हुमा को गोद में उठा लिया फिर (मिम्बर पर उजागर हो कर) आदेश फरमायाः अल्लाह तआ़ला ने सत्य फरमायाः तुम्हारे धन तथा तुम्हारे औलाद एक परीक्षा है। मैं ने इन दोनों बच्चों को देखा संभल-संभल कर चलते हुए आ रहे थे लड-खडा रहे थे मुझ से सहन ना हो सका यहाँ तक के मैं ने अपने खुत्बे को रोक कर इन्हें उठा लिया है।
(जामे तिर्मिज़ी, जिल्द अबवाबुल मनाखिब, पः 218, हदीस संख्याः 3707, सुनन अबु दाऊद, किताबुस सलाह, हदीस संख्याः 935, सुनन निसाई किताबुल जुमआ़ हदीस संख्याः 1396, ज़ुजाजातुल मसाबीह, जिल्द 1, पः 333)
(सुनन निसाई, हदीस संख्याः 1129, मुसनद इ़माम, हदीस संख्याः 15456, मुसन्नफ इ़ब्न अबी शैबा, जिल्द 7, पः 514, मुसतदरक अ़ला सहिहैन, हदीस संख्याः 4759/6707, मुअ़जम कबीर तबरानी, हदीस संख्याः 6963, मजमअ़ अज़ ज़वाईद, जिल्द 9, पः 181, सुनन अल कुबरा लिल बैहखी, हदीस संख्याः 3558, सुनन कुबरा लिल नसाई, जिल्द 1, पः 243, हदीस संख्याः 727, अल मुतालिब अल आ़लियह, हदीस संख्याः 4069, मुसनद अबी यआ़ला, हदीस संख्याः 3334, कंज़ुल उ़म्माल हदीस संख्याः 37706/37705/34380)
हजरत मुहम्मद (स.अ.व) ने हसनैन करीमैन कि लिए खुत्बा रोक दिया|
हज़रत अबदुल्लाह बिन बरीदह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु कहते हैं के इन्होंने हज़रत अबु बरीदह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को कहते हुए सुना हबीब अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम हमें खुत्बा आदेश कर रहे थे के हसनैन करीमैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु धारीदार वस्त्र पहन कर लड-खडाते हुए आ रहे थे तो हज़रत रसूल अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैहि वसल्लम मिम्बर शरीफ से नीचे तशरीफ लाय इ़माम हसन व इ़माम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हुमा को गोद में उठा लिया फिर (मिम्बर पर उजागर हो कर) आदेश फरमायाः अल्लाह तआ़ला ने सत्य फरमायाः तुम्हारे धन तथा तुम्हारे औलाद एक परीक्षा है। मैं ने इन दोनों बच्चों को देखा संभल-संभल कर चलते हुए आ रहे थे लड-खडा रहे थे मुझ से सहन ना हो सका यहाँ तक के मैं ने अपने खुत्बे को रोक कर इन्हें उठा लिया है।
(जामे तिर्मिज़ी, जिल्द अबवाबुल मनाखिब, पः 218, हदीस संख्याः 3707, सुनन अबु दाऊद, किताबुस सलाह, हदीस संख्याः 935, सुनन निसाई किताबुल जुमआ़ हदीस संख्याः 1396, ज़ुजाजातुल मसाबीह, जिल्द 1, पः 333)