दुनिया कि लालच
उक़बा बिन आमिर (र अ ) से रिवायत है कि रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बाहर तशरीफ़ लाये और जंग -ए -उहद के शहीदों के ...

उक़बा बिन आमिर (र अ ) से रिवायत है कि रसूल्लल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बाहर तशरीफ़ लाये और जंग -ए -उहद के शहीदों के लिए इस तरह नमाज़ (गायबाना नमाज़ जनाज़ा ) पढ़ी जिस तरह मुर्दे पर नमाज़ पढ़ी जाती है .
फिर आप (सव) मिम्बर पर तशरीफ़ लाये और फ़रमाया आखिरत में मैं तुमसे आगे जाऊंगा और मैं तुम पर गवाह रहूँगा वल्लाह मैं अपने हौज़ ( अल कौसर ) को इस वक़्त भी देख रहा हूँ और मुझे ज़मीन के खजानों कि कुंजिया दे दी गयी हैं या फ़रमाया ज़मीन की कुंजिया दे दी गयी हैं और अल्लाह की कसम मैं तुम्हारे बारे में इस बात से नहीं डरता कि तुम शिर्क करोगे बल्कि मुझे तुम्हारे बारे में ये खौफ है कि तुम दुनिया के लिए एक दुसरे से आगे बढ़ने की कोशिश करने लगोगे .
सहीह बुखारी , ६४२६