समाजिक समस्याओं का बेहतरीन हल कुरान |

समाजिक समस्याओं का बेहतरीन हल इस सिलसिले में हम आपके सामने पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कथन बयान कर रहे हैं कि आप फ़रमाते हैं |   जब कभी अं...

सूर-ए--हम्द की विशेषताएं और रवायतें |

सूर-ए--हम्द की विशेषताएं यह सूरा क़ुरआन के अन्य सूरों से काफ़ी भिन्न है। इसमें अल्लाह ने अपने बंदों को दुआ करने एवं अपने से वार्तालाप...

सूरा - ए- हुजरात या सूरए आदाब व अखलाक़ |

सूरए हुजरात मदीनें में नाज़िल हुआ और इसकी अठ्ठारह आयतें हैं। यह सूरए आदाब व अखलाक़ के नाम से भी मशहूर है। हुजरात हुजरे (कमरे) का बहुवचन ...

जनाब इ फातिमा ज़हरा और अज़ान ऐ बिलाल |

फ़ातेमा ज़हरा इमाम अली की निगाह में| जब इमाम अली (अ) और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) की ईश्वर के आदेश से शादी हो गई तो  शादी के दूसरे दिन ज...

यजीद ने की थी सरे इमाम हुसैन (अ.स) की बेहुरमती -सुन्नी किताब से |

साधारण रूप से ये रिवायत वर्णन की जाती है के यज़ीद के सामने जब इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु का सर मुबारक लाया गया तो वह आप के दांतों...

इमाम हुसैन के लिए हजरत मुहम्मद (स.अ.व) ने सजदा लम्बा कर दिया|

हज़रत अबदुल्लाह बिन शद्दाद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से वर्णित है, वह अपने पिता से वर्णित करते हैं, इन्हों ने फरमाया के हज़रत रसूल अल्लाह सल...

कौन सा काम करते वक़्त या कहते वक़्त इंशाल्लाह कहा जाये |

सूरए कह्फ़ की आयत २४ में ज़िक्र है की कौन सा काम करते वक़्त या कहते वक़्त इंशाल्लाह कहा जाये | और कदापि किसी वस्तु के बारे में यह मत कहिए ...

कुरान तर्जुमा और तफसीर सूरए निसा ४:89-128

 सूरए निसा की आयत संख्या 89 की तिलावत सुनते हैं। (हे ईमान वालो!) यह मिथ्याचारी चाहते हैं कि तुम भी उन्हीं की भांति काफ़िर हो जाओ और सब ...

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हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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