अल्लाह एक है पंजतन पांच हैं इमाम बारह हैं.
अल्लाह एक है पंजतन पांच हैं इमाम बारह हैं.
https://www.qummi.com/2011/08/blog-post_22.html
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
इमामों के अलावा भी अहले बैत हज़ारों लाखों हैं। फिर एक बड़ी तादाद मुज्तहिदीन की है और करोड़ों की तादाद मुक़ल्लिदीन की है और सुआलिहीन औलिया भी करोड़ों में होंगे।
ReplyDeleteइन सबके होने का मक़सद यही है कि हम इनकी ज़िंदगियों से रौशनी हासिल करें और सदाचार की शिक्षा लें। जब तक समाज इनसे सदाचार की शिक्षा नहीं लेगा तक भ्रष्टाचार मिटने वाला नहीं है।
सच्ची बात तो यह है।
ब्लॉगर्स मीट वीकली 5 में देखिए आपसी स्नेह और प्यार का माहौल।