हम एहसान मंद हैं ऐसी महान हस्तियों के
हम मुसलमानों मैं इस बात का चलन बहुत है कि उनके बुज़ुर्ग कि नसीहतों को अमल मैं लाते हैं और अपने नबी, पैग़म्बरों(स.ए.व) , इमाम (ए.स) के जीव...
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हम मुसलमानों मैं इस बात का चलन बहुत है कि उनके बुज़ुर्ग कि नसीहतों को अमल मैं लाते हैं और अपने नबी, पैग़म्बरों(स.ए.व) , इमाम (ए.स) के जीवन से सीखते हैं और अपने जीवन मैं उनकी नसीहतों पे चलने कि कोशिश किया करते हैं. इसके लिए हम अपने इन महान लोगों के जन्म दिन पे जमा होके उनकी जीवनी अपने बच्चों और बुजुर्गों को सुनाते हैं जो हमें गुमराही से बचाता है.
कल रबि उल आखिर मास की आठ को हमारे ११ वें इमाम हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामका जन्म सन् 232 हिजरी क़मरी मे हुआ था.
हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत सलील थी। जिनका नाम कुछ इतिहास कारों ने सोसन व हुदैस भी लिखा है. सन् 260 हिजरी क़मरी मे रबी उल अव्वल मास की आठवी(8) तिथि को अब्बासी खलीफ़ा मोतामिद अब्बासी ने आपको विष खिलवाया जो आपकी शहादत का कारण बना.
हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम की समाधि बग़दाद के समीप सामर्रा नामक स्थान पर है। जहाँ पर लाखो श्राद्धालु आपकी समाधि के दर्शन कर आप पर सलाम पढ़ते हैं।
इमाम हसन अस्करी (ए.स) कि कहीं कुछ हदीस, नसीहतें आप सभी के सामने पेश हैं जो आप को उनका किरदार सझने मैं सहायक होंगी.
अल्लाह क्या है?
इमाम हसन अस्करी (ए.स) ने बताया: अल्लाह वह है कि जब प्राणी विपत्तियों व कठिनाईयों मे फस कर चारो ओर से निराश हो जाता है और प्रजा से उसकी आशा समाप्त होजाती है तो वह फिर उसकी (अल्लाह) शरण लेता है।
आने वाला समाज कैसा होगा?'
इमाम हसन अस्करी (ए.स) ने बताया था कि "शीघ्र ही मानवता पर एक ऐसा समय आने वाला है जिसमे मनुषय चेहरे से प्रसन्न दिखाई देगें परन्तु उनके हृदय अँधकार मय होंगे। ऐसे समय मे अल्लाह ने जिन कार्यो का आदेश दिया है वह क्रियात्मक रूप प्राप्त नही कर पायेंगे और अल्लाह ने जिन कार्यो से दूर रहने का आदेश दिया है लोग उन कार्यों को करेंगे। ऐसे समय मे इमानदार व्यक्ति को नीच समझा जायेगा तथा अल्लाह के आदेशो का खुले आम उलंघन करने वाले को आदर की दृष्टि से देखा जायेगा।
मूर्ख व बुद्धिमान का अंतर क्या है?
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि मूर्ख का दिल उसकी ज़बान पर होता है। और बुद्धि मान की ज़बान उसके दिल मे होती है।व्यर्थ का वाद विवाद या मजाक का नतीजा :
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि व्यर्थ का वाद विवाद न करो वरना तुम्हारा आदर समाप्त हो जायेगा और मज़ाक़ न करो वरना लोगों का (तुम्हारे ऊपर) साहस बढ़ जायेगा।अयोग्य की प्रशंसा
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि अयोग्य व्यक्ति की प्रशंसा करना तोहमत(मिथ्यारोप) लगाने के समान है।लालची :
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलामने कहा कि लालची व्यक्ति अपने मुक़द्दर से अधिक प्राप्त नही कर सकता।प्रसन्नता व लज्जा:
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि तुमको अल्प आयु प्रदान की गयी है और जीवित रहने के लिए गिनती के कुछ दिन दिये गये हैं मृत्यु किसी भी समय आकस्मिक आसकती है। जो (इस संसार) मे पुण्यों की खेती करेगा वह प्रसन्न व लाभान्वित होगा। व जो पापों की खेती करेगा वह लज्जित होगा। प्रत्येक व्यक्ति को वही फल मिलेगा जिसकी वह खेती करेगा। अर्थात जैसे कार्य इससंसार मे करेगा उसको उन्ही कार्यो के अनुसार बदला दिया जायेगा.आज यही बातें हमको जीने का तरीका सीखती हैं . हम एहसान मंद हैं ऐसी महान हस्तियों के.
स.म.मासूम
काश ये बातें लोगों के समझ में आ जाती
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