मुसलमान :राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान
इस्लाम मैं अपने वतन से मुहब्बत पे बहुत ज़ोर दिया गया है. लेकिन अब इस समाज मैं किसी धर्म को बदनाम ही करना हो तो बेबुनिआद हदीस ,फतवे और राजनीत...

इस्लाम मैं अपने वतन से मुहब्बत पे बहुत ज़ोर दिया गया है. लेकिन अब इस समाज मैं किसी धर्म को बदनाम ही करना हो तो बेबुनिआद हदीस ,फतवे और राजनीत...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...
Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom
A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.
भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |
हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने
जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर
आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी
ये बात बहुत गलत है। मुसलमान्स को राष्ट्रगान नहीं गाना चाहिए। अल्ला मियाँ की तौहीन होती है।
ReplyDeleteकिलर झपाटा@ गंभीर विषय पे बेबुनियाद बातें करने वाले यह स्वम साबित कर देते हैं की समाज के लिए उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं. उनका काम तो बस मज़ा लेना है झगडे लगा के.
ReplyDeleteकिलर झपाटा जैसे लोग ही आतंक वादी है जो छुपकर वार करते हैं. क्या पता इस नकाब के पीछे कौन है. जिस तरह से यह टिप्पणी करता है हमें लगता है यह न हिन्दू और न ही मुसलमान है ऐसे लोंगो का काम समाज में नफरत के बीज बोना ही है. ऐसे लोंगो की बात सिर्फ कुत्ते की भू-भू होती है. , आपका प्रयास सराहनीय है.
ReplyDeleteभारतीय ब्लॉग लेखक मंच
डंके की चोट पर
Hum Logo'n ko Apne Madar e watan se hi wafadari aur Muhabbat Karna Chahiye
ReplyDeleteFir Bhale Hi Kucha Nasamajh Log Fatwe Lagaye Ya Gaaliya'n de ,
Haa'n Magar Us Waqt Dil ko Bada Dukh Hota Hai Jab Koi Hume Aatankwadi Ya Deshdrohi Kehta Hai ( Aur wo bhi Kuch Bewakuf Logo ki wajah se )
Masoom Sahab Aur Harish Bhai ki Baat se Main Sehmat Hu,n Magar Dil Us Waqt Dukhta Hai Jab Koi Hame Deshdrohi Kehta Hai
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