हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत (स्वर्गवास)
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत (स्वर्गवास) हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के वालिद(पिता) हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम तथा आपकी वालि...

हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत (स्वर्गवास)
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के वालिद(पिता) हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम तथा आपकी वालिदा(माता) हज़रत फ़ातिमा ज़हरा अलैहस्सलाम थीं। आप अपने वालिदा(माता) वालिद(पिता) की प्रथम संतान थे।
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत सन् 50 हिजरी मे सफ़र मास की 28 तरीख को हुई । माविया के षड़यन्त्र स्वरूप आपकी जोदा नामक पत्नि ने आपके पीने के पानी मे ज़हर मिला दिया था, यही ज़हर आपकी शहादत का कारण बना।
समाधि
तबक़ाते इब्ने सअद में उल्लेख मिलता है कि इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने अपने जीवन के अन्तिम समय में कहा कि मुझे मेरे नाना के बराबर में दफ्न करना ।
अबुल फरज इसफ़हानी अपनी किताब मक़ातेलुत तालेबीन में उल्लेख करते हैं कि जब इमाम हसन अलैहिस्सलाम को दफ़्न करने के लिए पैग़म्बरे इस्लाम (स.) को रोज़े पर ले गये तो आयशा (हज़रत पैगम्बर इस्लाम (स.) की एक पत्नि जो पहले ख़लीफ़ा की पुत्री थी) ने इसका विरोध किया तथा बनी उमैया व बनी मरवान आयशा की सहायता के लिए आ गये व इमाम हसन अलैहिस्सलाम के दफ़्न में बाधक बने।
अन्ततः इमाम हसन अलैहिस्सलाम के ताबूत (अर्थी) को जन्नातुल बक़ी नामक कब्रिस्तान में लाया गया व आपको आपकी दादी हज़रत फ़ातिमा बिन्ते असद के बराबर में दफ़्न कर दिया गया।