मज़हबी साजिशों का शिकार यह समाज|

इधर मैंने कुछ लेख इस्लाम और आज का मुसलमान जैसे विषयों पे लिखे जैसे इस्लाम के दामन में लगा दाग़ , धर्म और भ्रष्टाचार , इस्लाम की हकीकत &qu...

इमाम अली बिन हुसैन की बहुत सी उपाधियां हैं जिनमें ज़ैनुल आबेदीन और सज्जाद बहुत मशहूर हैं

शाबान की पांच तारीख है। ३८ हिजरी कमरी में शाबान महीने की पांच तारीख को ही पवित्र नगर मदीना में इमाम अली बिन हुसैन अर्थात हुसैन के बेटे...

हे ईमान लाने वालो! अपने घरों के अतिरिक्त दूसरे घरों में बिना अनुमति प्रवेश ना करो |सूरए नूर, आयतें 24-29,

सूरए नूर, आयतें 24-29,  जिस दिन कि उनकी ज़बानें, उनके हाथ और उनके पाँव उनके विरुद्ध उन (कर्मों) की गवाही देंगे, जो वे करते...

सूरए नूर, आयतें 32-34..शादी करने के हिदायत |

और तुम में जो (युवा व युवतियां) अविवाहित हों और तुम्हारे दासों व दासियों में जो भले व योग्य हों, उनका विवाह कर दो (और दरिद्रता स...

रिश्तेदारों के अधिकार ..सूरए नूर की आयत नंबर 60 -64

 सूरए नूर की आयत नंबर 60  और जो वृद्ध स्त्रियाँ जिन्हें विवाह की आशा न रह गई हो, उन पर कोई दोष नहीं कि वे अपने कपड़े (अर्थात आ...

नहजुल बलाग़ा और अम्र बिल मारूफ और नही अनिलमुन्कर|

हम अम्र बिलमारूफ अर्थात अच्छाई का आदेश देना नमाज़, रोज़ा, हज, और जेहाद की भांति अम्र बिलमारूफ को भी धार्मिक आदेशों में समझा जात...

पत्नियों पे तोहमत लगाने का दंड |... सूरए नूर, आयतें 15-23

सूरए नूर, आयतें 15-23,  सूरए नूर की आयत क्रमांक 15 और 16 जब तुम उस (झूठ बात) को एक दूसरे से (सुन कर) अपनी ज़बानों पर लाते ...

सूरए नूर, आयतें 1-16 व्यभिचार और लांछन लगाने का दंड |

सूरए नूर, आयतें 1-5   अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है। यह एक सूरा है, जिसे हमने उतारा है और इस (के आदेशों ...

ख़ुदा की इबादत की क़िस्में

ख़ुदा की इबादत की क़िस्में इमाम अली अलैहिस सलाम नहजुल बलाग़ा में इबादत और उपासना करने वालों के तीन प्रकार बयान फ़रमाते हैं: इन्...

जब इमाम मेहदी (स.अ) का ज़हूर होगा तक क्या हालात होंगे ?

हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़हूर से पहले जो अलामतें ज़ाहिर होंगी उनकी तकमील के दौरान ईसाई दुनिया को फ़तह करने के इरादे से उठ खड़े हो...

माँ बाप और अह्लेबय्त

अमीरूल मोमेनीन अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया: बाप का अधिकार है कि सन्तान उसकी हर बात माने सिवाये उन बातों के जिनके अंजाम देने से अल्लाह तआला...

हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का अख़लाक़

मुआविया बिन वहब कहते हैं: मैं मदीना में हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के साथ था, आप अपनी सवारी पर सवार थे, अचानक सवारी से उत...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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