कुरान तर्जुमा और तफसीर सूरए निसा ४:1-33
https://www.qummi.com/2014/05/1-33.html
सूरए निसा; आयतें 1-3 सूरए आले इमरान की व्याख्या पिछले कार्यक्रम में समाप्त हो गई और अब हम क़ुरआन मजीद के चौथे सूरे अर्थात सूरए निसा की...
सूरए निसा; आयतें 1-3 सूरए आले इमरान की व्याख्या पिछले कार्यक्रम में समाप्त हो गई और अब हम क़ुरआन मजीद के चौथे सूरे अर्थात सूरए निसा की...
सूरए निसा; आयतें 77-79 क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिनसे कहा गया था कि अभी मक्के में जेहाद से अपने हाथ रोके रखो और नमाज़ कायम रखो ...
सूरए निसा की आयत संख्या 89 की तिलावत सुनते हैं। (हे ईमान वालो!) यह मिथ्याचारी चाहते हैं कि तुम भी उन्हीं की भांति काफ़िर हो जाओ और सब ...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...