google.com, pub-0489533441443871, DIRECT, f08c47fec0942fa0 मैं मुसलमान हो गया | | हक और बातिल

मैं मुसलमान हो गया |

अक्सर यह इलज़ाम इस्लाम को मानने वालों पे लगाया जाता रहा है की इस्लाम तलवार की ज़ोर पे फैला | जबकि इस्लाम का उसूल है किसी पे जब्र नहीं | ज...

अक्सर यह इलज़ाम इस्लाम को मानने वालों पे लगाया जाता रहा है की इस्लाम तलवार की ज़ोर पे फैला | जबकि इस्लाम का उसूल है किसी पे जब्र नहीं | ज़बरदस्ती किसी को ताक़त या लालच के ज़ोर पे मुसलमान नहीं बनाया जा सकता और अगर कोई बन भी गया तो वोह मुसलमान नहीं कहलाएगा |

हक पे आने की दावत देना कोई बुरी बात नहीं लेकिन किसी को लालच से या ज़बरदस्ती इस्लाम पे लाने  की कोशिश खुद इस्लाम के कानून के खिलाफ है |

एक दिन मैंने सुना एक साहब बड़े खुश हो रहे थे की मुबारक को फलाने मियां आज मुसलमान हो गए | मैंने भी सुना और कहा भाई मुबारक हो लेकिन आप कब मुसलमान हुए?

बस इतना सुनना था की जनाब तैश में आ गए और कहने लगे मियाँ मैं सच में मुसलमान हो गया हूँ इस्लाम धर्म क़ुबूल कर चूका हूँ  |

मैंने कहा सुबूत दें ...

जनाब का जवाब आया मैं कलेमा पढता हूँ ,नजाम पांचो वक़्त पढता हूँ, रोज़े रखता हूँ, हज भी की है,ख़ुम्स और  ज़कात भी दिया है|

मैंने पुछा और..

फिर जवाब आया भाई मैं दाढ़ी भी रखता हूँ, लुंगी,और ऊँचा पजामा भी पहनता हूँ, बीवियां पर्दा करती हैं |
मैंने कहा माशाल्लाह आप को पक्के मुसलमान लगते हैं | इतना सुनना था की वो खुश हो गए |


फिर मैंने बात बदल दी और उनके बारे में उनके वालेदैन के बारे में पूछने लगा | मालूम हुआ की जनाब के वालेदैन उनसे नाराज़ हैं, भाई बहनों की जिमेदारी को जनाब बोझ समझते हैं |

अपने जैसे दुसरे मज़हब के इंसानों से यह साहब इंसानियत से पेश नहीं आते| जिस ज़मीन पे घर बनाया है वो नाजाएज़ तरीके से क़ब्ज़ा कर के बनाई गयी है |

झगडा, लोगों की बुराई करना , लोगों को आपस में लडवाना इनके पसंदीदा शौक हैं |

मैंने गौर से जब कुरान की नज़र से देखा तो पाया की बावजूद, नमाज़,रोज़े,हज ज़कात के यह साहब कहीं से भी  इस्लाम को मानने वाले नहीं लगते और जब इस्लाम के कानून को ही नहीं माना  तो मुसलमान कैसे हो सकते हैं |

क्योंकि इस्लाम में इंसानों में झगडे लगाने वाला, ज़ालिम, मान बाप को नाराज़ रखने वाला, चोरी करने वाला, कुछ भी हो सकता है लेकिन मुसलमान नहीं हो सकता |

मुसलमान होने के लिए इस्लाम के बताये कानून पे ही चलना होता है | आप किसी को हक की राह पे अगर किसी को सही राह दिखाना चाहते हैं तो एक सच्चे मुसलमान का किरदार दिखाओ ,जिससे लोग यह पूछें की भाई यह इमानदार,शरीफ इंसान कौन है और इसका मज़हब क्या है ?

आपका किरदार ही दूसरों को आपके करीब ला सकता है | इस्लाम इंसान को इंसानियत सीखने आया है न ज़ुल्म और जब्र|


Post a Comment

emo-but-icon

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Admin

Featured Post

नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

Discover Jaunpur , Jaunpur Photo Album

Jaunpur Hindi Web , Jaunpur Azadari

 

Majalis Collection of Zakir e Ahlebayt Syed Mohammad Masoom

A small step to promote Jaunpur Azadari e Hussain (as) Worldwide.

भारत में शिया मुस्लिम का इतिहास -एस एम्.मासूम |

हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की वफात (६३२ ) के बाद मुसलमानों में खिलाफत या इमामत या लीडर कौन इस बात पे मतभेद हुआ और कुछ मुसलमानों ने तुरंत हजरत अबुबक्र (632-634 AD) को खलीफा बना के एलान कर दिया | इधर हजरत अली (अ.स०) जो हजरत मुहम्मद (स.व) को दफन करने

जौनपुर का इतिहास जानना ही तो हमारा जौनपुर डॉट कॉम पे अवश्य जाएँ | भानुचन्द्र गोस्वामी डी एम् जौनपुर

आज 23 अक्टुबर दिन रविवार को दिन में 11 बजे शिराज ए हिन्द डॉट कॉम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पत्रकार भवन में "आज के परिवेश में सोशल मीडिया" विषय पर एक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसका मुख्या वक्ता मुझे बनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी

item