सूरए निसा; आयतें 24-25 मुताह और कुरान
सूरए निसा; आयतें 24-25 और विवाहित महिलाएं भी तुम पर हराम हैं सिवाए उनके जो दासी के रूप में तुम्हारे स्वामित्व में हों। ये ईश्व...
सूरए निसा; आयतें 24-25 और विवाहित महिलाएं भी तुम पर हराम हैं सिवाए उनके जो दासी के रूप में तुम्हारे स्वामित्व में हों। ये ईश्व...
सूरए मोमिनून, आयतें 25-30 (विरोधियों ने कहाः) यह तो बस एक उन्माद ग्रस्त व्यक्ति है। तो कुछ समय तक इसकी प्रतीक्षा कर लो (कि यह ...
सूरए मोमिनून, आयतें 19-24, सूरए मोमिनून की 19वीं और 20वीं आयत फिर हमने उस (पानी) के द्वारा तुम्हारे लिए खजूरों और अंगूरों के...
सूरए मोमिनून, आयतें 15-18 सूरए मोमिनून की 15वीं और 16वीं आयत फिर निश्चय ही तुम सब मरने वाले हो। (23:15) फिर प्रलय के ...
सूरए मोमिनून, आयतें 8-14, और जो लोग अपनी अमानतों और अपनी प्रतिज्ञा का पालन करते हैं।(23:8) और जो सदैव अपनी नमाज़ों की रक्ष...
सूरए मोमिनून, आयतें 1-7, अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है। निश्चित रूप से ईश्वर पर ईमान रखने वाले सफल रहे।(23:...
बरज़ख़ का सवाब ओ अज़ाब क़ुरआन में (1). अन्नारो यारेजूना अलैहा--------- इल्ला आख़िर सूराः- 40, आयतः- 49, यानी वो सुब्ह शाम ...
हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ.स.) पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद (स. अ.) के चोथे जां नशीन, हमारे चौथे इमाम और चाहरदा मासूमीन (अ.स.) की छ...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...