कुरान तर्जुमा और तफसीर सूरए निसा ४:77-85
सूरए निसा; आयतें 77-79 क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिनसे कहा गया था कि अभी मक्के में जेहाद से अपने हाथ रोके रखो और नमाज़ कायम रखो ...
सूरए निसा; आयतें 77-79 क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिनसे कहा गया था कि अभी मक्के में जेहाद से अपने हाथ रोके रखो और नमाज़ कायम रखो ...
अंजुम शेख द्वारा पेश की गयी यह चर्चा एक बार लोगों को सोंचने पे अवश्य मजबूर कर देगी | आप भी पढ़ें उनके ब्लॉग से साभार ली गयी यह चर्चा | ...
जी हाँ यह अजीब सा ज़रूर लगता है लेकिन सच हैं की हम उस दौर से गुज़र रहे हैं जहां एक भाई दुसरे भाई से दूरी रखने में और गैरों से दोस्ती में य...
समाजिक समस्याओं का बेहतरीन हल इस सिलसिले में हम आपके सामने पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कथन बयान कर रहे हैं कि आप फ़रमाते हैं | जब कभी अं...
सूर-ए--हम्द की विशेषताएं यह सूरा क़ुरआन के अन्य सूरों से काफ़ी भिन्न है। इसमें अल्लाह ने अपने बंदों को दुआ करने एवं अपने से वार्तालाप...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...