अज़ान व इक़ामत
https://www.qummi.com/2010/11/blog-post_2769.html
हर मर्द और औरत के लिए मुस्तहब है कि रोज़ाना की वाजिब नमाज़ों से पहले अज़ान व इक़ामत कहे। इनके अलावा दूसरी वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों स...
हर मर्द और औरत के लिए मुस्तहब है कि रोज़ाना की वाजिब नमाज़ों से पहले अज़ान व इक़ामत कहे। इनके अलावा दूसरी वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों स...
वज़ू मे कुछ चीज़े मुस्तहब और कुछ वाजिब हैं। मुस्तहबाते वज़ू 1-दोनों हाथों को तीन बार गट्टों तक धोना। 2-तीन बार कुल्ली करना। 3- तीन बार नाक...
नमाज़ की अहमियत मोहसिन क़राती तर्जुमा सैय्यद क़मर ग़ाज़ी 1-नमाज़ सभी उम्मतों मे मौजूद थी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स. अ.) से पहल...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...