ज़िआरत ए मासूमीन (अस) और ज़िआरत ए वारिसा
ज़िआरत ए वारिसा
https://www.qummi.com/2011/08/blog-post_4821.html
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...