तहारत के अहकाम
मुतलक़ और मज़ाफ़ पानी (म.न. 15) पानी या मुतलक़ होता है या मुज़ाफ़। “मुज़ाफ़” वह पानी है जो किसी चीज़ से हासिल किया जाये जैसे तरबूज़ क...
नमाज़ पढ़ने की जगह
नमाज़ पढ़ने की जगह की सात शर्तें हैं: पहली शर्त यह है कि वह मुबाह हो। 875. जो इंसान ग़स्बी जगह पर (चाहे वह क़ालीन, तख़्त और इसी तरह...
नमाज़ी के लिबास की शर्तें
अयातुल्लाह सीस्तानी 806. नमाज़ पढ़ने वाले के लिबास की छः शर्तें हैं। 1.पाक हो। 2.मुबाह हो। 3.मुर्दार के अज्ज़ा से न बना हो। 4.हर...
मुस्तहब नमाज़ें
(772) मुस्तहब नमाज़ें बहुत सी हैं जिन्हें नाफ़िलह भी कहते हैं, और मुस्तहब नमाज़ों में से रोज़ाना के नाफ़िलह की बहुत ज़्यादा ताकीद की गई ...
वह नमाज़े जिनको तरतीब से पढ़ना ज़रूरी है
वह नमाज़े जिनको तरतीब से पढ़ना ज़रूरी है (763) ज़रूरी है कि इंसान नमाज़े अस्र, नमाज़े ज़ोहर के बाद और नमाज़े इशा मग़रिब के बाद पढ़...
नमाज़ के अहकाम
दीनी आमाल में से बहतरीन अमल नमाज़ है अगर यह दरगाहे इलाही में मक़बूल हो गयी तो दूसरी इबादतें भी क़बूल हो जायगी और अगर यह क़बूल न हुई तो दू...
वाजिब नमाज़ें
वाजिब नमाज़ें छः नामाजें वाजिब हैं (1) रोज़ाना की नमाज़ (2) नमाज़े आयात (3) नमाज़े मय्यित। (4) ख़ान-ए-काबा के तवाफ़ की नमाज़। (5)...
अज़ान व इक़ामत
हर मर्द और औरत के लिए मुस्तहब है कि रोज़ाना की वाजिब नमाज़ों से पहले अज़ान व इक़ामत कहे। इनके अलावा दूसरी वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों स...
वजू का तरीका तस्वीर के साथ
वज़ू मे कुछ चीज़े मुस्तहब और कुछ वाजिब हैं। मुस्तहबाते वज़ू 1-दोनों हाथों को तीन बार गट्टों तक धोना। 2-तीन बार कुल्ली करना। 3- तीन बार नाक...
नमाज़ की अहमियत
नमाज़ की अहमियत मोहसिन क़राती तर्जुमा सैय्यद क़मर ग़ाज़ी 1-नमाज़ सभी उम्मतों मे मौजूद थी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स. अ.) से पहल...
Follow Us
Labels
Hot in week
-
मैथुन के तरीक़े चूँकि इस्लाम की दृष्टि में शादी का वास्तविक और बुनियादी तात्पर्य शिष्टाचार (अख़्लाक़) और पाकदामनी (इस्मत) की हिफाज...
-
इस्लाम वह बड़ा और अच्छा धर्म है जिसने ज़िन्दगी के सभी हिस्सों से सम्बन्घित हर बात को विस्तार से बयान किया है ताकि एक सच्चे मुसलमान को...
-
SUBSCRIBE घ्रणित मैथुनः फक़ीहों (विद्धानों) ने आठ मौकों पर मैथुन करने को मक्रूह करार दिया है। 1.चन्द्र ग्रहण की रात 2.सूर्य...
-
Main JANNAT Ke Shaukh Me Ibadat Nahi Karta Kyunki Yeh Ibadat Nahi TIJARAT Hai. Main DOZAKH Ke Khauf Se Bhi Ibadat Nahi Karta Kyunki Y...
-
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़हूर से पहले जो अलामतें ज़ाहिर होंगी उनकी तकमील के दौरान ईसाई दुनिया को फ़तह करने के इरादे से उठ खड़े हो...
Recent
Comments
इधर उधर से
Comment
Recent
Featured Post
नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...