ज्ञानी के साथ बैठने की अहमियत |
हज़रत रसूले ख़ुदा (स.) के पास एक व्यक्ति अन्सार (वह लोग जिन्होंने रसूल के मदीने में आने के बाद आपकी सहायता की थी और वह लोग मदीने के र...
हज़रत रसूले ख़ुदा (स.) के पास एक व्यक्ति अन्सार (वह लोग जिन्होंने रसूल के मदीने में आने के बाद आपकी सहायता की थी और वह लोग मदीने के र...
मुफ़ज़्ज़ल बिन क़ैस का जीवन बहुत कठिनाइयों में व्यतीत हो रहा था ग़रीबी, बदहाली, और प्रतिदिन होने वाले ख़र्चों से वह बहुत परेशान था।...
ईमान सदैव ख़ालिस होना चाहिए। एक बार हज़रत सुलैमान (अ) किसी स्थान से जा रहे थे कि आपने सुना कि एक नर चींटा माता चींटी से कह रहा ह...
हज़रत ओवैस क़रनी का कार्य यह था कि वह पैसा लेकर लोगों के ऊँट चराने के लिए ले जाया करते थे, और इससे जो पैसा हाथ लगता उसी से अपनी माँ...
एक बार एक व्यक्ति रोटी लेकर जा रहा था उसने एक गली में एक फ़क़ीर को देखा जो बैठा रो रहा था। इस आदमी को उस पर दया आ गई उसने फ़क़ीर से प...
जल्दबाज़ी और हराम रोज़ी एक बार अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने मस्जिद में प्रवेश करते समय एक व्यक्ति के हाथों में घोड़े की लगाम ...
एमादुद्दीन तबरी इमामी अपनी किताब बशारतुल मुस्तफ़ा में लिख़ते हैं: एक दिन रसूले ख़ुदा (स) बहुत प्रसन्न हो कर हज़रत अली (अ) के पास...
एक दिन प्रसिद्ध कवी और हदीस लिखने वाला मोहम्म बिन शहाब ज़ोहर ग़मगीन शक्ल लिए हुए इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) के पास आया। आपने ज़ोहरी से...
इब्राहीम बिन हाशिम कहते हैं मैंने अरफ़ात में अब्दुल्लाह बिन जुनदब से अधिक दुआ मांगने वाला कोई व्यक्ति नहीं देखा। मैंने देखा कि हर ...
ज़करिया आवर बयान करते हैं कि मैंने देखा कि इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम नाफ़िला पढ़ रहे थे और उनके पास में एक बूढ़ा व्यक्ति बैठा ह...
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का बयान है कि हज़रत मूसा के ज़माने में एक अत्याचारी शासक का राज था, इत्तेफ़ाक़ से एक दिन एक मोमिन व्यक...
इस्हाक़ बिन अम्मार कहते हैं कि इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने मुझ से फ़रमायाः हे इस्हाक़ मेरे दोस्तों के साथ जितनी नेकी और भलाई कर ...
इमाम हसन अलैहिस्सलाम का एक हंसमुख दोस्त था, वह कुछ दिन ग़ायब रहने के बाद इमाम के पास आया, आपने उसका हालचाल पूछा कि कैसी बीत रही है? ...
एक बार हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने अपने पिता रसूले इस्लाम (स) से एक अंगूठी की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने कहाः मैं तुम्हें अंगूठी...
बयान किया गया है कि बर्ज़ख़ की दुनिया में अनकर और मुनकर नामी दो फ़रिश्तें इन्सान से प्रश्न करेंगे (कि उसने दुनिया में क्या किया... इ...
एक दिन ज्ञानी बहलोल एक मस्जिद के पास से जा रहे थे, आपने सुना कि अबू हनीफ़ा भाषण दे रहा है, आप मस्जिद के पास कुछ देर खड़े रहे और उसकी...
एक व्यक्ति इमाम हसन मुजतबा अलैहिस्सलाम के पास पहुँचा और कहने लगाः हे अमीरुल मोमिनीन (अ) के बेटे आप को क़सम हैं उसको ईश्वर के हक़ की...
अबू बसीर कहते हैं: इमाम सादिक़ (अ) ने फ़रमायाः जब हज़रत इब्राहीम ज़मीन और आसमान के मलकूत और उसकी वास्तविक्ताओं को देख रहे थे, तो आप...
दाऊद रिक़्की फ़रमाते हैं कि मेरे दो भाई हज के लिए गए रास्ते में मेरा एक भाई बहुत अधिक प्यासा हो गया, और संयोग से उसके पास पानी ...
बिहारुल अनवार में रिवायत हैं! कि एक बार हज़रत अली (अ) घर में आए। और जनाबे ज़हरा (स) से फ़रमाया। कुछ खाने को हैं? बीबी ने फ़रमाया।...
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है ...