नि:संदेह ईश्वर इतराने वाले और घमंडी लोगों को पसंद नहीं करता।

और ईश्वर की उपासना करो और किसी को उसका शरीक न ठहराओ और माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करो और इसी प्रकार निकट परिजनों, अनाथों, मुहताजों...

वयस्क का अकेले रहना इस्लाम की नज़र में उचित नहीं |

इंसान अकेले नहीं रह सकता उसे हर उम्र में एक साथी की आवश्यकता होती है | कोई भी इंसान जब वयस्क हो जाता है या बालिग़ हो जाता है तो उसे अकेले ...

रिश्तेदारों से कुर्बत अल्लाह का हुक्म है मशविरा नहीं |

इस्लाम एक सामाजिक धर्म है और कुरान में अल्लाह ने सामाजिक रिश्तों को बनाने पे बहुत जोर दिया और यहाँ तक की रिश्तेदारों के,पड़ोसियों के,काबि...

मेहर क्या है? और ये कब तय किया और कब दिया जाता है?

मेहर वो रक़म है जो किसी लड़की का  होने वाला शौहर लड़की तो तोहफे के तौर पे दिया करता है लेकिन यह रक़म लड़की तय किया करती है | इस मेहर को न तो ...

कठिनाइयों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है यह मजलिसें ,नमाज़ और हज |

हममें से हर व्यक्ति नाना प्रकार की समस्याओं में गस्त है। दूसरे शब्दों में हममें से कोई भी एसा नहीं है जो किसी न किसी समस्या में गिरफ्ता...

इमामत व ख़िलाफ़त का मक़सद

इमामत व ख़िलाफ़त का मक़सद   समाज से बुराईयों को दूर कर के अदालत (न्याय) को स्थापित करना और लोगों के   जीवन को पवित्र बनाना है। यह उसी स...

अहले बैत अलैहिमुस्सलाम के दामन से वाबस्ता होने के अलावा निजात का कोई दूसरा रास्ता नहीं है ?

पैगम्बर अकरम (स.) के असहाब के एक मशहूर गिरोह ने इस हदीस को पैगम्बर (स.) नक़्ल किया है। “  अख़ा रसूलुल्लाहि (स.) बैना असहाबिहि फ़अख़ा ब...

इस्लामी संस्कृति व इतिहास

इस्लामी संस्कृति व सभ्यता ,  मानव इतिहास की सबसे समृद्ध सभ्यताओं   में से एक है। यद्यपि इस संस्कृति में ,  जो इस्लाम के उदय के साथ अस्ति...

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नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

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